Page 359 - Class 9th History Chapter 1
अध्याय 1. भौगोलिक खोजें
अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर
I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
निर्देश : नीचे दिए गए प्रश्नों में चार संकेत चिह्न हैं, जिनमें एक सही या सबसे उपयुक्त है। प्रश्नों का उत्तर देने के लिए प्रश्न-संख्या के सामने वह संकेत चिह्न (क, ख, ग, घ) लिखें, जो सही अथवा सबसे उपयुक्त हो ।
Q1. वास्कोडिगामा कहाँ का यात्री था ?
(क) स्पेन
(ख) पुर्तगाल
(ग) इंग्लैंड
(घ) अमेरिका
उत्तर:- (ख) पुर्तगाल
Q2. यूरोपवासियों ने दिशा-सूचक यंत्र का उपयोग किनसे सीखा ?
(क) भारत से
(ख) रोम से
(ग) अरबों से
(घ) चीन से
उत्तर:- (ग) अरबों से
Q3. उत्तमाशा अंतदीप (Cape of Good Hope) की खोज किसने की ?
Q3. उत्तमाशा अंतदीप (Cape of Good Hope) की खोज किसने की ?
(क) कोलम्बस ने
(ख) वास्कोडिगामा ने
(ग) मैग्लेन ने
(घ) डियाज बार्थोलोमियो ने
उत्तर:- (घ) डियाज बार्थोलोमियो ने
Q4. अमेरिका की खोज किस वर्ष की गई ?
(क) 1453 में
(ख) 1492 में
(ग) 1498 में
(घ) 1519 में
उत्तर:- (ख) 1492 में
Q5. कुस्तुन्तुनिया का पतन किस वर्ष किया गया ?
(क) 1420 में
(ख) 1453 में
(ग) 1510 में
(घ) 1498 में
उत्तर:- (ख) 1453 में
Q6. विश्व का चक्कर किस यात्री ने सर्वप्रथम लगाया ?
(क) मैग्लेन
(ख) कैप्टन कुक
(ग) वास्कोडिगामा
(घ) मार्कोपोलो
उत्तर:- (क) मैग्लेन
उत्तर:- (क) मैग्लेन
II. नीचे दिए गए कथनों में जो सही (√) हो उसके सामने सही तथा जो गलत हों, उनके सामने गलत (x) का चिह्न लगाएँ।
1. भारत के मूल निवासियों को रेड इंडियन कहा जाता है। (सही यह हैं कि यूरोप के मूल निवासियों को रेड इंडियन कहा जाता है। (x)
2. उत्तमाशा अंतरीप की खोज ने भारत तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त किया। (✔)
3. भारत अटलांटिक महासागर के पूर्वी तट पर स्थित है। (सही यह है कि अमेरिका अटलांटिक महासागर के पूर्वी तट पर स्थित है। (x)
4. मार्कोपोलो ने भारत की खोज की। (सही यह है कि वास्कोडिगामा ने भारत की खोज की। (x)
5. जेरुसलम वर्तमान 'इजरायल' में है। (✔)
6. लिस्बन दास-व्यापार का बहुत बड़ा केन्द्र था। (✔)
7. अमेरिंगु ने नई दुनिया को विस्तार से खोजा । (✔)
III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1. भारत आने में किस भारतीय व्यापारी ने वास्कोडिगामा की मदद की ?
उत्तर:- भारत आने में भारतीय व्यापारी अब्दुल मजीद ने वास्कोडिगामा की मदद की।
प्रश्न 2. न्यू फाउंडलैंड का पता किसने लगाया ?
उत्तर:- 'सर जॉन' और 'सेवास्टिन कैबोट' ने न्यू फाउंडलैंड का पता लगाया।
उत्तर:- 'सर जॉन' और 'सेवास्टिन कैबोट' ने न्यू फाउंडलैंड का पता लगाया।
प्रश्न 3. यूरोपीयों द्वारा निर्मित तेज चलनेवाले जहाज को क्या कहा जाता था ?
उत्तर:- यूरोपीयों द्वारा निर्मित तेज चलनेवाले जहाज को 'कैरावल' कहा जाता था।
उत्तर:- यूरोपीयों द्वारा निर्मित तेज चलनेवाले जहाज को 'कैरावल' कहा जाता था।
प्रश्न 4. दक्षिण अफ्रीका का दक्षिणतम बिंदु कौन-सा स्थल है?
उत्तर:- दक्षिण अफ्रीका का दक्षिणतम बिंदु उत्तमाशा अंतरीप है।
प्रश्न 5. 11वीं-12वीं शताब्दी में ईसाइयों एवं मुसलमानों के बीच धर्म युद्ध क्यों हुआ था ?
उत्तर:- 11वीं-12वीं शताब्दी में जेरुसलम पर अधिकार के लिए ईसाइयों और सलमानों के बीच धर्म युद्ध हुआ था।
प्रश्न 6. 1453 में कुस्तुनतुनिया पर किसने आधिपत्य जमाया ?
उत्तर:- 1453 में कुस्तुनतुनिया पर तुर्की ने आधिपत्य जमाया।
प्रश्न 7. पुर्तगाल और स्पेन किस महासागर के पास अवस्थित हैं?
उत्तर:- पुर्तगाल अटलांटिक महासागर तथा स्पेन अटलांटिक और भूमध्य सागर के पास अवस्थित हैं।
IV. लघु उत्तरीय प्रश्न :
निर्देश : निम्न प्रश्नों के उत्तर कम-से-कम 30 एवं अधिकतम 50 शब्दों में दें :
प्रश्न 1. यूरोप में मध्यकाल काल 'अंधकार का युग' क्यों कहा जाता है?
उत्तर:- यूरोप में मध्यकाल को अंधकर का युग इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह युग सामंती प्रवृतियों का युग था। इस युग में न तो वाणिज्य-व्यापार विकसित था और न ही धर्म का रूप ही निश्चित था। धर्म अनुदार और अमानवीय था। मध्ययुगीन यूरोपियनों का विश्वास था कि पृथ्वी चपटी है। चर्च के पादरियों ने लोोगें को दिग्भ्रमित कर रखा था। इससे यूरोप के लोग अंधविश्वास में जकड़े हुए थे। शिक्षा केवल चर्चों में दी जाती थी, जो मात्र पादरियों तक सीमित रहती थी। इसी कारण यूरोप में मध्यकाल को 'अंधकार युग' कहा जाता था।
प्रश्न 2. भौगोलिक खोजों में वैज्ञानिक उपकरणों का क्या योगदान था ?
उत्तर:- भौगोलिक खोजों में वैज्ञानिक उपकरणों का यह योगदान था कि उनकी मदद से समुद्र यात्रा आसान हो गई। इसमें सबसे बड़ा योगदान 'कम्पास' अर्थात दिशासूचक का था। यूरोपवालों ने इसका ज्ञान अरबवालों से सीखा था। अब पहले की अपेक्षा मजबूत और बड़े जहाज बनने लगे। 'कैरावल' नामक जहाज बड़ा मजबूत और तेज चलनेवाला जहाज था। यह वैज्ञानिक आधार पर बना था। एस्ट्रोलोब नामक वैज्ञानिक उपकरण के आविष्कार से आक्षांश जानने में आसानी हुई। दूरबीन के आविष्कार से सामुद्रिक अभियानों में बहुत सहायता मिली।
प्रश्न 3. भौगोलिक खोजों ने व्यापार-वाणिज्य पर किस प्रकार प्रभाव डाले ?
उत्तर:- भौगोलिक खोजों ने व्यापार-वाणिज्य पर क्रांतिकारी प्रभाव डाले। इन्हीं खोजों के परिणामस्वरूप नये-नये देशों का पता लगा और उन देशों से व्यापारिक सम्पर्क स्थापित किया गया। यूरोपीय व्यापार जो पहले भूमध्यसागर और बल्टिक सागर तक ही सीमित था, भौगोलिक खोजों के पश्चात अटलांटिक, हिन्द तथा प्रशांत महासागरों तक फैल गया। इसी का परिणाम था कि पेरिस, लंदन, एमस्टरडम, एंटवर्फ आदि नगर विश्व स्तरीय व्यापार के केन्द्र बन गए। अब व्यापार पर से इटली का एकाधिकार समाप्त हो गया और उसके स्थान पर स्पेन, पुर्तगाल, हॉलैंड, इंग्लैंड तथा फ्रांस आदि देश अपना आधिपत्य जमा बैठे। क्रमशः इन देशों ने अपने उपनिवेश भी फैला लिए।
प्रश्न 4. भौगोलिक खोजों ने किस प्रकार भ्रांतियों को तोड़ा ?
उत्तर:- भौगोलिक खोजों ने यूरोपियनों की भ्रांतियों का अंतकर दिया। चर्च द्वास फैलाई गई अवधारणाओं को लोग संदेह की दृष्टि से देखने लगे। इसी का परिणाम था' कि धर्मसुधार आन्दोलन ने तेजी पकड़ा। नए गोलार्द्ध की जानकारी ने यूरोप का पोल खोलकर रख दिया। यूरोपवालो को स्वयं अपनी क्षुद्रता का क्षोभ हुआ। दुनिया की महत्ता की जानकारी ने उनकी आँखें खोल दी। यही कारण था कि वे नए-नए आविष्कारो के लिए प्रयत्नशील हुए। स्पेनिश सिक्कों से यही ज्ञात हुआ कि सामने और भी है।
नक्शे, कम्पास, नक्षत्र प्रणाली से समुद्री यात्राएँ काफी आसान हो गई। पेशेवर वैज्ञानिक भी सामने आए ।
प्रश्न 5. भौगोलिक खोजों ने किस प्रकार विश्व के मानचित्र में परिवर्तन लाया ?
उत्तर:- भौगोलिक खोजों ने कई अन्य देश-महादेशों का पता लगाया, जिनका इसके पूर्व किसी को पत्ता नहीं था। भौगोलिक खोज से ही अमेरिका- चाहे वह उत्तरी अमेरिका हो या दक्षिणी अमेरिका का पता चला। पुनः अफ्रीका और आस्ट्रेलिया की खोज हुई। इन देशों या महादेशों की खोजों के पश्चात ही विश्व को पाँच महादेशों या महीद्वीपों में बाँटा गया और विश्व का एक नया नक्शा बनाया। इस प्रकार हम देखते हैं कि भौगोलिक खोजों ने विश्व के मानचित्र को पूरी तरह बदल डाला।
V. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
निर्देश : निम्न प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 200 शब्दों में दें :
प्रश्न 1. भौगोलिक खोजों का क्या तात्पर्य है? इसने किस प्रकार विश्व की दूरियाँ घटाईं?
उत्तर:- भौगोलिक खोजों का तात्पर्य है समुद्री मार्गो से नए-नए देशों अर्थात अनजान देशों का पता लगाना। भौगोलिक खोज ही थे, जिनसे नए-नए मार्ग मिले और कुछ अनजाने देश और महादेश भी। भौगोलिक खोजों ने निम्न प्रकार से विश्व की दूरियाँ घटा दी:
विश्व की आरंभिक सभ्यताओं के समय से ही व्यापार-वाणिज्य परस्पर एक देश का दूसरे देश के साथ सम्पर्क का कारण था। लेकिन उस समय कुछ खास देश खास-खास देशों से ही व्यापारिक सम्बंध बना सके थे। उस समय के जहाज भी छोटे हुआ करते थे। वे नाव से कुछ ही बड़े होते थे। अपना रास्ता तय करने के लिए उन्हें हवा का सहारा लेना पड़ता था। लेकिन जैसे-जैसे भौगोलिक खोजे बढ़ती गई, वैसे-वैसे बड़े-बड़े और तेज चलनेवाले जहाजों का आविष्कार होता गया। यूरोप से भारत आने का नया रास्ता मिला जो कम समय में ही यहाँ से वहाँ या वहाँ से यहाँ तक पहुँचा जा सकता था। इन देशों और मार्गों को खोजने मे यूरोप का केवल एक-दो देश ही नहीं वरन अनेक देश लगे हुए थे। इसी का परिणाम था कि कुछ वर्षों के अन्दर ही अनेक नए देशों का पता चला। वहाँ के लोगों से सम्पर्क हुआ। उन नए देशों में पहुँचने पर यूरोपीय देशों को वहाँ की जनशक्ति तथा खनिज सम्पदा का पता चला। उसकी प्राप्ति के लिए उनमें होड़-सी मच गई। इसके लिए ही तेज चलनेवाले और मजबूत जहाजों का निर्माण होने लगा। कस्तुनतुनिया पर तुर्की के अधिकार ने यूरोपियनों को नए मार्गों की खोज और तेज चलनेवाले जहाजों को बनाने पर विवश कर दिया। इस प्रकार हम देखते हैं कि भौगोलिक खोजों ने विश्व की दूरियाँ कम कर दीं। अब कोई देश किसी देश से दूर नहीं समझा जाने लगा।
प्रश्न 2. भौगोलिक खोजों के कारणों की व्याख्या करें।
उत्तर:- मध्ययुग में पहले अरबों ने और बाद में तुर्की ने विशाल अंतर्राष्ट्रीय साम्राज्य का निर्माण कर लिया था। इसके पूर्व 11वीं-12वीं शताब्दी में जेरुसलम पर अधिकार को लेकर जब धर्मयुद्ध हुआ तो यूरोपियनों को एशियाई देशों की शक्ति का पता चला। जिस सामंती गौरव की दुनिया में अपने को ईश्वर का अवतार समझ बैठे थे, सब मिथ्या लगने लगे। उनका गौरव चकनाचूर हो गया। कस्तुनतुनिया पर तुर्कों के अधिकार से यूरोपीय देशों के व्यापार का मार्ग ही बन्द हो गया। नए मार्गों की खोज के लिए इन्हें भौगोलिक खोजों के लिए मजबूर कर दिया।
इसके पूर्व कुछ ऐसे नये-नये आविष्कार हुए, जिनके सहारे समुद्री यात्रा आसान हो गयी। उससे नौसेना के विकास में भी मदद मिला। कम्पास और दूरबीन इन्हीं आविष्कारों में महत्वपूर्ण आविष्कार थे। पुर्तगालियों ने एक नई किस्म के हल्के और तेजी से चलनेवाले जहाज 'कैरावल' का निर्माण कर लिया था।
इन नये उपकरणों एवं साहस के बल पर यूरोपीय नाविक अटलांटिक महासागर तथा भूमध्य सागर में अपने जहाज को चलाकर प्रयोग भी कर लिया। इसी क्रम में 1488 मैं पुर्तगाली व्यापारी बार्थोलोमियो डियास ने अफ्रीका के पश्चिमी तट पर से गुजरते हुए दक्षिण अफ्रीका के दक्षिणी बिंदु उत्तमाशा अंतरीप तक पहुँचने में सफलता प्राप्त कर ली। अब उन्हें भारत पहुँचने का आसान मार्ग मिल गया। इससे उत्साहित होकर वे भी भौगोलिक खोजों में जुट गए। वे अफ्रीका के उन स्थानों तक पहुँचने में सफल हो गए, जो आज तक विश्व के किसी भी अन्य व्यक्ति की पहुँच के बाहर था। वहाँ उनको अपार खनिज सम्पदा और मानव श्रम हाथ लग गया। इसका परिणाम हुआ कि यूरोपीय लोग भोगोलिक खोजों में और भी अधिक जी-जान से जुट गए।
प्रश्न 3. नए अन्वेषित भू-भागों को विश्व के मानचित्र पर अंकित करें। और यह बतावें कि भौगोलिक खोजों से पूर्व आप यदि यूरोप में होते तो भारत से किस प्रकार व्यापार करते ।
उत्तर:-
नए अन्वेषित भू-भाग हैं: (1) उत्तर अमेरिकी (2) दक्षिण अमेरिका, (3) आशा अंतुरीप; (4) मेडागास्कर, (5) मॉरिशस,. (6) भारत, (7) चीन, (8) सुदूर पूर्व के देश जापान कोरिया, हिन्देशिया आदि, (9) ऑस्ट्रेलिया।
भौगोलिक खोजों के पूर्व यदि मैं यूरोप में होता तो भारत से व्यापार करने के लिए मैं इटली की राजधानी रोम से भूमध्य सागर होते हुए अॅटलांटिक महासागर से अफ्रीका के दक्षिणी भाग होते हुए हिन्दं महासागर से होते हुए भारत के पश्चिमी तट केरल तंटें. पर पहुँच जाता।
प्रश्न 4. अंधकार युग से आप क्या समझते हैं? अंधकार युग से बाहर आने में भौगोलिक खोजों ने किस प्रकार मदद की?
उत्तर:- मध्यकाल में जब यूरोप सामंतों के चंगुल में फँसा हुआ था, उस समय वहाँ का वाणिज्य-व्यापार भी शिथिलता की स्थिति में थे। धर्म का स्वरूप भी मानवीय नहीं था। पृथ्वी के सम्बंध में वे अज्ञानी ही थे। ज्ञानहीन होने के कारण उनमें अंधविश्वास भरा हुआ था। अंधविश्वास को बढ़ाने में चर्च और चर्च के पादरी हवा देते थे। इसी युग को 'अंधकार युग' से सम्बोधित किया जाता है।
यूरोपवाले अंधकार युग से तब बाहर निकले जब भौगोलिक खोजों के उपरांत भारत और चीन जैसे सभ्य और उन्नत देशों के सम्पर्क में वे आए। यूरोप के सामंतों के गौरव को तो पहले ही अरबों और तुर्की ने चूर कर दिया था, अब नए सभ्य देशों के सम्पर्क से उनमें भी सभ्य बनने की लालसा पैदा हुई।
भारत, अरब, चीन आदि देशों के विद्वानों ने यूरोप में भी शिक्षा की ज्योति जलाने में मदद की। इसी का परिणाम था कि यूरोप में सुधार आन्दोलन हुए और पुनर्जागरण की लहर दौड़ी। छापाखाना की कला पहले ही चीन से यूरोप में पहुँच चुकी थी। फलतः यूरोपीय समाज में अनेक विचारकों का उदय हुआ और उनकी लिखी पुस्तकें छपकर आम लोगों तक पहुँचने लगी। पुनर्जागरण की पृष्ठभूमि तो धर्मयुद्धों ने ही तैयार कर दी थी, लेकिन भौगोलिक खोजों के पश्चात उनके ज्ञान में और भी वृद्धि हुई। भौगोलिक खोजों ने उपनिवेश बसाने का मार्ग प्रशस्त किया। उपनिवेशों के साथ व्यापार तो होता ही था, ज्ञान और विद्या का भी आदान-प्रदान होता था। फलतः यूरोप में सभ्यता, संस्कृति धर्म एवं साहित्य का प्रचुर प्रचार-प्रसार हुआ। यह सब भौगोलिक खोजों से ही सम्भव हो सका था।
प्रश्न 5. भौगोलिक खोजों के परिणामों का वर्णन करें। इसने विश्व पर क्या प्रभाव डाला?
उत्तर:- भौगोलिक खोजों का बहुत ही व्यापक और दूरगामी परिणाम सामने आये । पहली बार लोगों को विश्व के विस्तृत भूखंड से परिचित होने का मौका मिला। व्यापार के प्रसार से पहले तो परस्पर दोनों देश-निर्यातक देश तथा आयातक देश लाभान्वित होते रहे। वाणिज्य-व्यापार की वृद्धि का क्रांतिकारी आविष्कार मुद्रा का आविष्कार था। कागजी मुद्रा का भी हुण्डी के रूप में प्रसार बढ़ गया। इससे एक देश का दूसरे देश के साथ व्यापार में भारी सहुलियत मिली।
इसका दूसरा विभत्स रूप तब सामने आया जब आयातक देश निर्यातक देशों का शोषण करने लगे। भौगोलिक खोज और व्यापार के लिए देश के आंतरिक भागों तक यूरोपियनों की पैठ ने अफ्रीका से दासों का आयात आरंभ कर दिया। वे बन्दूकों के बल पर सीधे-सादे अफ्रीकियों को जानवरों जैसे पकड़-पकड़ कर जंजीरों में जकड़ देते थे और जहाजों पर लाद कर अपने देशों में बेचा करते थे। पुर्तगाल की राजधानी तो दास व्यापार का एक विश्व प्रसिद्ध अड्डा बन गया। इन दासों से विकास का काम कराया जाता था। सड़क बनाने, माल ढोने, खेती करने आदि से लेकर घरेलू नौकरों के रूप में भी खटाया जाता था। यह भौगोलिक खोज का विभत्स रूप था।
कालान्तर में यूरोपवाले संसार के कोने-कोने में अपना उपनिवेश फैला लिए और उन औपनिवेदिशक देशों का शोषण करने लगे। साथ ही वहाँ उन्होंने अपने लाभ के लिए कुछ विकास के काम भी किए, जिनका लाभ उपनिवेशवासियों को भी मिला।
The End
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