Page 338 - शराबबंदी

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शराबबंदी

बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने चुनाव के दौरान किए गए वादे को पूरा करने के लिए वर्ष 2016 अप्रैल में शराब को पूरी तरह से बन्द करने की घोषणा की। इसके उपरान्त बिहार देश का चौथा ड्राई स्टेट बन गया । इस घोषणा के साथ ही शराब पीने वालों के बीच में खलबली मच गयी। कुछ लोगों की तबीयत भी खराब हो गयी और कुछ की मौत भी हो गयी। लेकिन, इस शराबबन्दी से फायदे अधिक होने लगे। बहुत से घरों में रोज के लड़ाई-झगड़े बन्द हो गए। पुरुष खासकर मजदूर, रिक्साचालक, टेम्पो चालक आदि के पैसे अब घरों में जाने लगे, जिससे उनके घरों में खुशी छा गयी । वे अच्छी जिन्दगी जीने लगे है। जिन घरों की औरत शराब के कारण हमेशा प्रताड़ित होती थी, उन्हें अब मुक्ति मिल गयी। उनके लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार किसी फरिश्ता से कम नहीं है।
लेकिन, हम आए दिन अखबारों, टी०वी० पर शराब की कालाबाजारी की खबरें सुनते हैं। कुछ लोग पकड़े जाते है और कुछ बच जाते है। लेकिन, समस्या यह है कि वे बच कैसे जाते है? कुछ पुसिलवाले पैसे लेकर उन्हें जाने देते है जो अत्यन्त ही घिनौना कार्य है। कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो शराबबन्दी से हमें और हमारे समाज को बहुत फायदे हुए है।
बिहार में शराबबन्दी एक सराहनीय प्रयास है और इसके लिए सारा बिहार माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का सदा आभारी रहेगा ।
शराबबंदी के समर्थन में मानव श्रृंखला बनाई गई जो इस मुद्दे के व्यापक समर्थन को दर्शाता है। विपक्षी दल भी इस मुहिम में शामिल हुए।