Page 347 - यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता

 Contact for Notes , Objective , Subjective Questions & Answers of any Subject - किसी भी विषय के नोट्स, वस्तुनिष्ठ, दीर्घ प्रश्न व उत्तर के लिए संपर्क करें - ₹35/Subject

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता

प्रधानमंत्री का आदर्श- प्रधानमंत्री भारत के केन्द्रीय मंत्रियों में श्रेष्ठ होता है। पद में श्रेष्ठ होने के लिए व्यक्ति की योग्यता में भी सबसे श्रेष्ठ होना आवश्यक है। प्रधानमंत्री को दिन-रात भारत की भलाई के लिए चिन्तनशील होना चाहिए। उसे लालबहादुर शास्त्री और डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की तरह सादा जीवन और उच्च विचार का आदर्श अपनाना चाहिए। उसे त्याग, ममता, मद मान की मूर्ति होना चाहिए ।

आत्मकल्पना- यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता है तो सबसे पहले भारत में सड़कों व रेल का जाल बिछा देता, शक्ति का साधन सर्वसुलभकराता और देश में हर स्तर पर कुटीर तथा लघु उद्योगों का जाल फैला देता । प्रत्येक परिवार के योग्य व्यक्ति को नौकरी देता। लड़के-लड़कियों की शिक्षा मुफ्त होती । निजी कोचिंग बन्द करता। न्याय व्यवस्था इतनी चुस्त-दुरूस्त होती कि किसी न्यायाधीश का फैसला गलत होने पर उसे तत्काल अयोग्य घोषित कर बर्खास्त किया जाता। आरक्षण व्यवस्था नहीं होती, इसलिए योग्यता के अनुसार सबको काम मिलता। सीमा-विवाद, सामाजिक विवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले का तत्काल समाधान करता ताकि ये नासूर नहीं बनें । विज्ञान का इतना नियंत्रित विकास करता कि असामाजिक तत्व उसका लाभ नहीं ले पाते। चूँकि देश का एक भी आदमी बेकार नहीं होता इसलिए भ्रष्टाचार, नक्सलवाद, आतंकवाद, सम्प्रदायवाद आदि का नामोनिशान नहीं होता ।

निष्कर्ष- मैं देश के किसी पद पर नहीं होते हुए देश की हर वक्त चिन्ता करता हूँ। सोचता हूँ यदि समय रहते देश विकास के सन्तुलित मार्ग पर न चले, देश के नागरिकों में देश के प्रति थोड़ा ख्याल न हो, तो राजनीति का व्यापारीकरण एक दिन देश को ले डूबेगा, जनता सामूहिक विनाश के दलदल में फँस जाएगी ।