Page 351 - देश प्रेम
देश प्रेम
देश
प्रेम में त्याग- किसी भी देश की जनता को अपने देश के लिए सब कुछ न्यौछावर करने की भावना रखनी
चाहिए। देश के लिए बलिदान भी देना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए।
एक
पवित्र भावना- देशप्रेम की
भावना पवित्र होता है। देशप्रेमी देश की भलाई के लिए सर्वस्व न्योछावर के लिए
हमेशा तैयार रहते हैं।
देश-प्रेम
का जीवन देश के लिए- हमारे देश में बहुत सारे व्यक्ति हुए,
जिनका जीवन देश के
लिए एक प्रेरणा स्रोत है। गाँधीजी की आवाज में शक्ति थी। उनके संकेत पर भारतवासी
बड़े-से-बड़ा बलिदान करने को तैयार रहते थे। उनके नेतृत्व में लाखों
युवकों-युवतियों, बच्चों-बूढ़ों ने स्वतंत्रता संघर्ष में
सक्रिय भाग लिया और गाँधीजी तथा भारतीय जनान्दोलन के फलस्वरूप भारत 15 अगस्त, 1947 ई० को स्वतंत्र हो गया। गाँधीजी सत्य और
अहिंसा की साक्षात् मूर्ति थे। उन्होंने साध्य को साधनों के अच्छे होने पर बल
दिया। साध्य चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो उसके लिए अपनाये जाने वाले साधन भी
अच्छा होना चाहिए ।
देश
प्रेमियों की गौरवशाली परम्परा- हमारे देश भारत में अनेक देशप्रेम हुए हैं। खुदीराम बोस, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह,
सुभाष चन्द्र बोस
आदि जैसे देशभक्तों ने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी है। इस प्रकार हमारे देश में
देश-प्रेमियों की गौरवशाली परम्परा रही है।
देश-प्रेम-सर्वोच्च
भावना- किसी भी व्यक्ति
के लिए देश-प्रेम की भावना से ऊपर कोई भी पूजा-पाठ और धर्म नहीं होता है। मानव के लिए देश प्रेम
सर्वोच्च धर्म एवं भावना है।