Page 355 - मेरे जीवन का लक्ष्य
मेरे जीवन का लक्ष्य
प्रायः हर आदमी
सपना देखता है। सपने में कोई लखपति बनना चाहता है तो कोई करोड़पति, कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो कोई इंजीनियर,
कोई प्रशासक तो
कोई मंत्री। मेरा सपना है- भारत का प्रधानमंत्री बन अशिक्षा, अंधविश्वास, बेकारी और गरीबी से देश को मुक्त कराना ।
शिक्षा लोकतंत्र
की आधारशिला है। मैं सबसे पहले शिक्षा पर ध्यान दूँगा। प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य
होगी और आगे की शिक्षा रोजगारोन्मुखी । उच्च शिक्षा विशेषता प्राप्त करने के लिए
ही दी जाएगी। पाठ्यक्रम में वैसे पाठ शामिल होंगे जिनसे लोगों को अन्धविश्वास एवं
कुरीतियों से छुटकारा मिले और नागरिकता तथा कर्त्तव्यपालन की भावना बढ़े। राजनीतिक
भ्रष्टाचार दूर करने पर ज्यादा जोर होगा। कार्यालय की प्रक्रियाएँ सरल बनाई जाएँगी
भ्रष्टाचारियों की सजा के लिए सख्त कानून बनेंगे। जेल में नेता भी सामान्य कैदियों
की भाँति रहेंगे।
चुनाव कानून ऐसे
बनाए जाएँगे कि लंठ, लाठी और लठैत का जोर समाप्त हो ।
उम्मीदवार को नामांकन के साथ ही अपनी चल और अचल सम्पत्ति की घोषणा करनी होंगी, चुनाव सम्बन्धी मुकदमों का फैसला महीने भर में होगा। कोई व्यक्ति दो स्थान से
चुनाव नहीं लड़ेगा और न दो बार से अधिक बार मंत्री और न चार बार से अधिक
लोकसभा/विधानसभा का सदस्य होगा। पराजित व्यक्ति किसी सार्वजनिक निकाय/सभा का
अध्यक्ष या पदाधिकारी न होगा। चुनाव आयोग को और अधिकार दिए जाएँगे।
लोकपाल सार्वजनिक
क्षेत्र के सभी व्यक्ति की कार्यवधि की समीक्षा कर सकेंगे। कृषि को प्राथमिकता दी
जाएगी। चकबन्दी के साथ सिंचाई के लिए नहरों और नलकूपों का जाल बिछाया जाएगा। वर्षा
जल के संरक्षण के प्रबंध किए जाएँगे और देश की नदियों को जोड़ा जाएगा ताकि बाढ़ और
सूखे का मुकाबला किया जा सके। बाढ़ और सूखा से निजात पाने के लिए 'बाढ़ एवं सूखा प्राधिकरण' बनाए जाएँगे ।
उद्योग के क्षेत्र
में बड़े उद्योगों के साथ लघु उद्योगों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा और सार्वजनिक
क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित किया
जाएगा। बिजली के उत्पादन एवं रेल तथा सड़क निर्माण पर विशेष बल दिया जाएगा। आधी
आबादी अर्थात् महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लोकसभा एवं विधानसभा में कम-से-कम 40 प्रतिशत स्थान सुनिश्चित किए जाएँगे ।
देश में अमन-चैन
की स्थापना की जिम्मेदारी पुलिस पर होती है,
अतएव पुलिस-तंत्र
को चुस्त बनाया जाएगा। उसे वे संसाधन उपलब्ध कराए जाएँगे जिनकी सहायता से वह
अपराधियों तक आसानी से और जल्दी पहुँच सके,
जैसे गाड़ियाँ, वायरलेस सेट आदि। शीघ्र एवं सुगम न्याय-प्रणाली और कठोर दण्ड की व्यवस्था की
जाएगी।