Page 9 - बल

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बल - बल वह कारक है जो किसी वस्तु पर आरोपित हो कर उसकी अवस्था में परिवर्तन लाता है या परिवर्तन लाने की चेष्टा करता है। 
बल को "F"  से निरूपित किया जाता है।
बल का एस आई मात्रक न्यूटन है। जिसको " N "से निरूपित किया जाता है। 
इसका सीजीएस मात्रक Dyne है।  
बल का F.P.S. मात्रक Poundal है। 

Note:- 
1Newton = 100000 Dyne
1Newton = 0.10197 kg
1kg         = 9.81Newton     
1Newton = 7.23301 Poundal 

बल का सूत्र (
force formula)
F = ma 
where , 
F = Force (बल) ➡Newton में 
m = mass (द्रव्यमान) 
➡kg में 
a  = acceleration (त्वरण) m/sec^2 में 

➤ बल के प्रभव :-
बल के तीन प्रभाव होते हैं :
1. वस्तु की चाल बदल सकती है जिसके कारण वस्तु स्थिर हो सकती है या धीमी चलने लगती है।  2. वस्तु की गति की दिशा बदल सकती है।
 जैसे जब गेंद को ऊपर से पृथ्वी पर गिराया जाता है तो गेंद ऊपर की ओर उछल जाता है। 
3. वस्तु का आकार बदल सकती है।
जैसे जब गेंद को हथेली से दबाया जाता है तो वह पिचक जाता है। 


➤ दाब किसे कहते हैं ?
प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब  कहते हैं। 
दाब = बल / क्षेत्रफल 

प्रणोद या चाप किसे कहते हैं?
 किसी वस्तु की सतह के पूरे क्षेत्रफल पर जो लंबवत बल कार्य करता है, उसे प्रणोद या चाप कहते हैं। 
प्रणोद = 
क्षेत्रफल x दाब 

वायुमंडल किसे कहते हैं?
पृथ्वी की सतह के ऊपर चारों ओर फैले हुए वायु के आवरण को वायुमंडल कहते हैं।


हवा का दाब क्या है?
किसी वस्तु की सतह के एक इकाई क्षेत्रफल पर वायुमंडल का जितना दाब पड़ता है उसको हवा के दाब कहते हैं। 


निर्वात क्या है ?
ऐसा स्थान जहां कुछ भी नहीं हो यहां तक की हवा भी न हो , उसे निर्वात कहते हैं। 


वायुमंडलीय दाब क्या है ?
हवा का दाब जो 76 सेंटीमीटर ऊंचे पारे की स्तंभ को संतुलित करता है, उसको एक वायुमंडलीय दाब कहते हैं। 
नोट :-
वायुमंडलीय दाब को " atm " से व्यक्त किया जाता है। 

बल के निम्नलिखित प्रकार होते है

1. संपर्क बल
2. असंपर्क बल
3. संतुलित बल
4. असंतुलित बल
5. अभिकेंद्रीय बल
6. गुरुत्वाकर्षण बल
7. चुंबकिय बल
8. विद्धुत बल
9. पेशीय बल
10. घर्षण बल

 1. संपर्क बल :- संपर्क बल-वे बल जो किसी वस्तु के संपर्क में आने पर लगता या लगाया जाता है संपर्क बल कहलाता है । जैसे(i) पुस्तक तथा मेज के पृष्ठों के मध्य लगा घर्षण बल। (ii) पेशियाँ किसी वस्तु के संपर्क में हो तब लगाया गया पेशीय बल।

 2. असंपर्क बल :- असंपर्क बल वह बल होता है जो किसी वस्तु के संपर्क में आने के बिना ही लगता है या लगाया जाता है. असंपर्क बलों के कुछ उदाहरण हैं - गुरुत्वाकर्षण बल, स्थिर वैद्युत बल, चुंबकीय बल.

 3. संतुलित बल :- जब किसी वस्तु पर लगने वाले सभी बलों का योग शून्य होता है, तो वे बल संतुलित बल कहलाते हैं. संतुलित बल, वस्तु की स्थिर अवस्था या गति को नहीं बदलते.

 4. असंतुलित बल :- जब किसी वस्तु पर लगने वाले बलों का परिणामी बल शून्य न हो, तो उसे असंतुलित बल कहते हैं. असंतुलित बल की वजह से वस्तु की स्थिति बदल जाती है.

 5. अभिकेंद्रीय बल :- जब कोई वस्तु किसी वृत्ताकार मार्ग पर चलती है, तो उस पर कोई एक वृत्त के केंद्र पर बल कार्य करता है, इस बल को अभिकेंद्रीय बल कहते हैं। इस बल के अभाव में वस्तु वृत्ताकार मार्ग पर नहीं चल सकती है।

 6. गुरुत्वाकर्षण बल :- कणों के बीच कार्य करनेवाले पारस्परिक आकर्षण को गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) तथा उससे उत्पन्न बल को गुरुत्वाकर्षण बल (Force of Gravitation) कहते है।

 7. चुंबकिय बल :- दो चुंबकीय ध्रुवों या चुंबकीय ध्रुव और चुंबकीय पदार्थ के बीच लगने वाले बल को चुंबकीय बल कहते हैं. यह बल आकर्षण या प्रतिकर्षण का होता है. चुंबकीय बल, विद्युत आवेशित कणों के बीच गति के कारण उत्पन्न होता है.

8. विद्धुत बल :- किन्हीं दो आवेशित वस्तुओं के बीच लगने वाले आकर्षण या प्रतिकर्षण बल को विद्युत बल कहते हैं. यह बल, प्रकृति के चार मूलभूत बलों में से एक है. विद्युत बल, आवेशित कणों के आकर्षण और प्रतिकर्षण से लेकर पदार्थों में बिजली के चालन तक की कई तरह की घटनाओं के लिए ज़िम्मेदार है.

 9. पेशीय बल :-  शरीर की मांसपेशियों द्वारा किसी वस्तु पर लगाया गया बल, पेशीय बल कहलाता है. यह एक संपर्क बल है. पेशीय बल, मांसपेशियों के विस्तार और संकुचन के कारण उत्पन्न होता है.

 10. घर्षण बल :- घर्षण बल वह बल है जो दो वस्तुओं के बीच गति का विरोध करता है. यह बल, वस्तुओं के संपर्क में आने पर उनके संपर्क तल पर लगता है. घर्षण बल, वस्तु की गति की विपरीत दिशा में लगता है। 

The   End 
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