Page 102 कक्षा 10 वीं अध्याय रासायनिक प्रतिक्रिया और समीकरण
पाठ - रासायनिक अभिक्रिया और समीकरण
• रासायनिक अभिक्रिया(Chemical Reaction) :- जब कोई पदार्थ अकेल ही या किसी अन्य अदार्थ से क्रिया करके एक या अधिक नए पदार्थों का निर्माण करता है तो उस प्रक्रिया को रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं ।
जैसे :- सोडियम + क्लोरीन ⟶ सोडियम क्लोराइड
नोट :- जो पदार्थ रासायनिक अभिक्रिया मे भाग लेकर नए पदार्थ बनाते है उन्हें अभिकरक (reactant) कहते है और अभिक्रिया के बाद बने नए पदार्थ परतिफल(product) कहलाता है ।
H2 + Cl2 ⟶ 2HCl
(अभिकरक) (परतिफल)
• रासायनिक समीकरण :- किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों के संकेतों और सूत्रों की सहायता से उस अभिक्रिया का संक्षिप्त निरूपण रासायनिक समीकरण कहलाता है ।
H2 + Cl2 ⟶ 2HCl
CaO + CO2 ⟶ CaCO3
रासायनिक अभिक्रियाओं
की विशेषताएँ:
(i) रसायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप
गैस उत्सर्जित होता है ।
जैसे:- जिंक और तनु सल्फ्यूरिक
एसिड के बीच रासायनिक अभिक्रिया में हाइड्रोजन गैस का विकास होता है।
Zn(s) + H 2 SO 4 (aq) → ZnSO 4 (aq) + H 2 (g) ↑
(ii) रसायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप रंग मे
परिवर्तन होता है ।
जैसे:- साइट्रिक एसिड और
बैंगनी रंग के पोटैशियम परमैंगनेट के घोल के बीच रासायनिक प्रतिक्रिया में रंग बैंगनी
से रंगहीन हो जाता है।
सल्फर डाइऑक्साइड गैस और अम्लीकृत
पोटैशियम डाइक्रोमेट घोल के बीच रासायनिक प्रतिक्रिया में रंग नारंगी से हरे रंग में
बदल जाता है।
(iii) रसायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन
होता है।
जैसे:- मोमबत्ती के मोम
की दहन प्रतिक्रिया में ठोस से तरल और गैस अवस्था
में परिवर्तन द्वारा होता है। (क्योंकि मोम एक ठोस है, मोम के दहन से बना पानी कमरे के तापमान पर एक तरल है जबकि, मोम के दहन से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड एक गैस है)। कुछ रासायनिक
अभिक्रियाएँ हैं जो एक से अधिक विशेषताएँ दिखा सकती हैं।
(iv) रसायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप तापमान में परिवर्तन होता है ।
जैसे:- बुझा हुआ चूना बनाने के लिए बिना बुझे चूने के पानी के बीच रासायनिक
प्रतिक्रिया तापमान में परिवर्तन (जो तापमान में वृद्धि है) द्वारा चिह्नित होती है।
जिंक कणिकाओं और तनु सल्फ्यूरिक
एसिड के बीच रासायनिक प्रतिक्रिया भी तापमान में परिवर्तन (जो तापमान में वृद्धि है)
द्वारा चिह्नित होती है।
(v) रसायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप अवक्षेप का निर्माण होता होता है। जैसे:-
सल्फ्यूरिक एसिड और
बेरियम क्लोराइड घोल के बीच रासायनिक प्रतिक्रिया के बाद
बेरियम सल्फेट के
एक सफेद अवक्षेप का निर्माण होता है।
BaCl 2 (aq) + H 2 SO 4 (aq) → BaSO 4 (s) (ppt) +
2HCl(aq)
संतुलित रासायनिक
समीकरण: यदि अभिकारकों में
प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या उत्पाद में उपस्थित प्रत्येक तत्व के परमाणुओं
की संख्या के बराबर होती है, तो रासायनिक समीकरण को संतुलित
रासायनिक समीकरण कहते हैं।
उदाहरण: Zn + H 2 SO 4 → ZnSO 4 + H 2
इस समीकरण में, जिंक, हाइड्रोजन और सल्फेट की संख्या
दोनों तरफ बराबर है, इसलिए यह एक संतुलित रासायनिक
समीकरण है।
नोट:- द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार, रासायनिक प्रतिक्रिया में द्रव्यमान को न तो बढ़ाया जा सकता है और न ही कम किया जा सकता है। इस नियम का पालन करने के लिए, अभिकारकों में मौजूद तत्वों का कुल द्रव्यमान उत्पादों में मौजूद तत्वों के कुल द्रव्यमान के बराबर होना चाहिए।
असंतुलित रासायनिक
समीकरण: यदि अभिकारकों में
प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या उत्पाद में उपस्थित प्रत्येक तत्व के परमाणुओं
की संख्या के बराबर नहीं होती है, तो रासायनिक समीकरण को असंतुलित
रासायनिक समीकरण कहते हैं।
उदाहरण: Fe + H 2 O → Fe 3 O 4 + H 2
इस उदाहरण में, प्रतिक्रिया के दो पक्षों पर तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान
नहीं है। उदाहरण के लिए; बाईं ओर केवल एक लोहे का परमाणु
मौजूद है, जबकि दाईं ओर तीन लोहे के
परमाणु मौजूद हैं। इसलिए, यह एक असंतुलित रासायनिक समीकरण
है।
रासायनिक समीकरण
को संतुलित कैसे करें?
दिए गए या किसी भी रासायनिक समीकरण को संतुलित करने के लिए, इन चरणों का पालन करें:
Fe + H2O → Fe3O4 + H2
अभिकारकों और उत्पादों में
मौजूद तत्वों के परमाणुओं की संख्या को एक तालिका में लिखें जैसा कि यहां दिखाया गया
है।
परमाणु का नाम |
अभिकारक में परमाणुओं की
संख्या |
उत्पाद में परमाणुओं की
संख्या |
लोहा |
1 |
3 |
हाइड्रोजन |
2 |
2 |
ऑक्सीजन |
1 |
4 |
किसी रासायनिक समीकरण के दोनों
ओर अधिकतम संख्या वाले परमाणु को संतुलित करें।
इस समीकरण में, दाएँ पक्ष पर ऑक्सीजन परमाणु की संख्या अधिकतम है।
ऑक्सीजन को संतुलित करने के
लिए, बाएँ पक्ष पर ऑक्सीजन को 4 से गुणा करना होगा ताकि, दोनों तरफ ऑक्सीजन
परमाणुओं की संख्या बराबर हो जाए।
Fe + 4×H2O → Fe3O4 + H2
अब, बाएँ पक्ष पर हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या 8 हो जाती है, जो कि दाएँ पक्ष की तुलना
में अधिक है। इसे संतुलित करने के लिए, दाएँ पक्ष पर हाइड्रोजन को
4 से गुणा करना होगा।
Fe + 4×H2O → Fe3O4 + 4×H2
उसके बाद, दोनों तरफ ऑक्सीजन और हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या बराबर हो
जाती है। बाएँ पक्ष पर लोहे की संख्या एक है,
जबकि दाएँ पक्ष पर
यह तीन है। इसे संतुलित करने के लिए, बाएँ पक्ष पर लोहे को 3 से गुणा करें।
3×Fe + 4×H2O → Fe3O4 + 4×H2
अब प्रत्येक तत्व के परमाणुओं
की संख्या दोनों तरफ बराबर हो जाती है। इस प्रकार, यह समीकरण एक संतुलित
समीकरण बन जाता है।
परमाणु का नाम |
अभिकारक में परमाणुओं की
संख्या |
उत्पाद में परमाणुओं की
संख्या |
लोहा |
3 |
3 |
हाइड्रोजन |
8 |
8 |
ऑक्सीजन |
4 |
4 |
संतुलन के बाद, उपरोक्त समीकरण निम्नानुसार लिखा जा सकता है:
3Fe + 4H2O → Fe3O4 + 4H2
# विभिन्न प्रकार की रासायनिक अभिक्रियाएं
1. संयोजन अभिक्रिया / संश्लेषण अभिक्रिया [Combination reaction / Synthesis reaction]
2. वियोजन अभिक्रिया / अपघटन अभिक्रिया [Decomposition reaction]
3. एकल विस्थापन अभिक्रिया [Single Displacement reaction / Substitution reaction]
4. उभय विस्थापन अभिक्रिया [Double -displacement reaction]
5. अवक्षेपण अभिक्रिया [Precipitation reaction]
6. उदासीनिकरण अभिक्रिया [Neutralization reaction]
7. प्रकाश रासायनिक अभिक्रिया [Photo chemical reaction]
8. ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया [Exothermic reaction]
9. ऊष्माशोषी अभिक्रिया [Endothermic reaction]
**
1. संयोजन अभिक्रिया / संश्लेषण अभिक्रिया:- ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसके द्वारा दो पदार्थ या दो से अधिक पदार्थ आपस मे संयोग करके एक नए पदार्थ की रचना करते है , उसको संयोजन अभिक्रिया कहते है ।
जैसे :- 2Mg + O2 → 2 MgO
H2 + Cl2 → 2HCl
2. वियोजन अभिक्रिया / अपघटन अभिक्रिया:- ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसके द्वारा कोई एक पदार्थ अपघटित होकर दो या दो से अधिक पदार्थों की रचना करता है , उसको वियोजन अभिक्रिया कहते है ।
जैसे :- MgCO3 → MgO + CO2
2KClO3 → 2KCl + 3O2
3. एकल विस्थापन अभिक्रिया:- ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसके द्वारा कोई अधिक क्रियाशिल तत्व किसी योगिक से किसी दूसरे काम क्रियाशील तत्व को विस्थापित कर उसका स्थान लेलेता है और इस प्रकार नया योगिक बनाता है , उसको एकल विस्थापन अभिक्रिया कहते है ।
जैसे :- Fe + Cuso4 → FeSO4 + Cu
Zn + FeSO4 → ZnSO4 + Fe
4. उभय विस्थापन अभिक्रिया:- ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसके द्वारा दो अभिकारक अपने मूलकों को बदलकर दो नए पदार्थ की रचना करते है , उसको उभय विस्थापन अभिक्रिया कहते है ।
जैसे :- AgNO3 + NaCl → AgCl + NaNO3
KOH + H2SO4 → K2SO4 + 2H2O
5. अवक्षेपण अभिक्रिया:- ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसके द्वारा दो विभिन्न पदार्थ विलयन के रूप में अभिक्रिया करते है तथा अपने मूलकों को बदलकर दो नए पदार्थ का निर्माण करते है । जिनमें से एक अविलेय अवक्षेप के रूप में रहता है , उसकोअवक्षेपण अभिक्रिया कहते है ।
जैसे :- BaCl2 + H2SO4 → BaSO4⬇ + 2HCl
AgNO3 + HCl → AgC ⬇ + HNO3
6. उदासीनिकरण अभिक्रिया :- ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसके द्वारा अम्ल और क्षार अपने मूलकों को बदलकर नमक और जल बनाते है ,उदासीनिकरण अभिक्रिया उसको कहते है ।
जैसे :- NaOH + HCl → NaCl + H2O
KOH + H2SO4 → K2SO4 + 2H2O
7. प्रकाश रासायनिक अभिक्रिया:- ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जो प्रकाश का अवशोषण करके घटित होती है , प्रकाश रासायनिक अभिक्रिया कहलाती है ।
जैसे :- 6CO2 + 6H2O → C6H12O6( ग्लिकोस ) + 6O2 +
8. ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया:- ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसके द्वारा ऊष्मा उत्सर्जित होता है , उसको ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते है ।
जैसे :- C + O2 → CO2 + 395KJ
S + O2 → SO2 + 297KJ
9. ऊष्माशोषी अभिक्रिया:- ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसके द्वारा ऊष्मा का शोषन होता है , उसको ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते है ।
जैसे :- N2 + O2 → 2NO - 180KJ
C + 2S → CS2 - 63KJ
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• उपचयन / ऑक्सीकरण ( Oxidation )क्या है ?
उत्तर :- ऐसी रासायनिक अभिकीरिया जिसके द्वारा किसी तत्व या योगिक मे आक्सिजन या किसी दूसरे विद्धुत ऋनात्मक तत्व के परमाणुओं के संख्या मे वृद्धि होती है या उनका योग होता है , उसको उपचयन अभिकीरिया कहते है ।
जैसे :- 2Mg + O2 → 2MgO
2Al + 3Cl2 → 2AlCl3
• अपचयन / अवकरण ( Reduction ) क्या है ?
उत्तर :- ऐसी रासायनिक अभिकीरिया जिसके द्वारा किसी तत्व या योगिक मे हाइड्रजन या किसी दूसरे विद्धुत धनात्मक तत्व के परमाणुओं के संख्या मे वृद्धि होती है या उनका योग होता है , उसको अपचयन अभिकीरिया कहते है ।
जैसे :- H2 + Cl2 → 2HCl
Na + Cl2 → 2NaCL2
•विकृत गंधिता( Rancidity ) क्या है ?
उत्तर :- वशा तथा तेल से बने खाद्य पदार्थों में उपचयन की क्रिया के कारण अरुचिकर गंध तथा स्वाद उत्पन्न होने की क्रिया को विकृत गंधिता कहते है ।
•विकृत गंधिता( Rancidity ) को रोकने के तरीके:
निम्न प्रकार से विकृत गंधिता को रोक जा सकता है।
1. एंटी-ऑक्सीडेंट मिलाकर।
2. वैक्यूम पैकिंग करकर।
3. वायु के स्थान पर नाइट्रोजन
का प्रयोग करके।
4. खाद्य पदार्थों को एयरटाइट
कंटेनर में रख कर ।
5. रेफ्रिजरेशन करके।
• संक्षारण ( corrosion ) क्या है ?
उत्तर :- संक्षारण एक उपचयन - अपचयन अभिक्रिया है । जिसके द्वारा वायुमण्डल की वायु तथा नमी से अभिक्रिया करके कोई धातु आवनछनिए पदार्थ में बदल जाता है ।
जैसे :- 4Fe + 3H2O + 3O2 → Fe2O3 + 2Fe(OH)3
तांबे का संक्षारण: तांबे की वस्तुएं कुछ समय
बाद अपनी चमक और चमक खो देती हैं क्योंकि हवा के संपर्क में आने पर इन वस्तुओं की सतह
पर मूल कॉपर कार्बोनेट, CuCO3 .Cu(OH) 2 की एक हरी परत जम जाती है।
चांदी धातु का संक्षारण: हवा के संपर्क में आने पर चांदी धातु की सतह धूमिल हो जाती है (सुस्त हो जाती है), क्योंकि हवा में मौजूद H2S गैस की क्रिया द्वारा इसकी सतह पर काले सिल्वर सल्फाइड (Ag2S) की परत जम जाती है।
• संक्षारण से बचने के लिए क्या उपाय है ?
उत्तर :- संक्षारण से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय है ।
(i) किसी काम संक्षारित होने वाली धातु जैसे जास्त , टीन , क्रोमियम , आदि का परत चढ़ा कर ।
(ii) धातु पर रंग या ग्रीस चढ़ा कर ।
(iii) लोहे को स्टेनलेस स्टील बनाकर ।
• रासायनिक समीकरण के सीमाओं को लिखें :
उत्तर :- रासायनिक समीकरण के सीमाएं निम्नलिखित है ।
(i) रासायनिक समीकरण से अभिकरकों और प्रतिफलों की भौतिक अवस्था की जानकारी नहीं हो पाती है।
(ii) रासायनिक समीकरण से अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्सर्जित या अवशोषित ऊष्मा की जानकारी नहीं हो पाती है।
(iii) रासायनिक समीकरण से अभिक्रिया का दिशा का पता नहीं चलता है ।
(iv)रासायनिक समीकरण से वेग के संदर्भ में कोई जानकारी नहीं मिलता है ।
(v)रासायनिक समीकरण से अभिकरकों और प्रतिफलों की मात्राओ की जानकारी नहीं हो पाती है ।
समीकरणों को अधिक
जानकारीपूर्ण बनाना:
1. रासायनिक समीकरण
में पदार्थों की भौतिक अवस्थाओं के प्रतीकों को लिखना: पदार्थों की भौतिक अवस्थाओं
को लिखने से रासायनिक समीकरण अधिक जानकारीपूर्ण बन जाता है।
जैसे:- गैसीय अवस्था को प्रतीक (g) द्वारा दर्शाया जाता है।
द्रव अवस्था को प्रतीक (l) द्वारा दर्शाया जाता है।
ठोस अवस्था को प्रतीक (s) द्वारा लिखा जाता है।
जलीय विलयन को (aq) चिन्ह द्वारा लिखा जाता है।