Page 165 - कक्षा 10 रसायन शास्त्र अध्याय धातु और आधातु नोट्स

अंग्रेजी माध्यम के लिए यहाँ क्लिक करें

अध्याय - धातु और आधातु

• तत्व तीन प्रकार के होते हैं - धातु, अधातु एवं उपधातु |
• प्रकृति में धातुएँ स्वतंत्र अवस्था में या अपने यौगिकों के रूप में पाई जाती हैं।
• खनिज पृथ्वी के अन्दर पाए वाले वह प्राकृतिक पदार्थ है जिसमें धातुऐं के यौगिक पाये जाते है। जैसे
मैग्निज, बाक्साइड आदि ।
•अयस्क वह खनिज होते हैं। जिनसे धातुओं का निष्कर्षण लाभप्रद हो और जिनमें धातु की मात्रा अधिक हो
•धातुओं का वह गुण जिनसे उनकों हथौड़े से पीट कर पतली चादर बनाई जा सकती है। धातुओं के इस गुण को अघातवर्ध्यता कहते हैं। सोना तथा चाँदी सबसे अधिक अघातवर्ध्य धातुऐ हैं ।
•धातुओं का वह गुण जिनसे उनकों खीचकर पतली तार बनाया जा सकता है धातुओं के इस गुण को तन्यता कहते हैं ।
• किसी धातु का अन्य धातु या अधातु के साथ समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं । उन्हें पिघली अवस्था में
रख कर प्राप्त किया जाता है।

• पृथ्वी से प्राप्त खनिज अयस्कों में मिटटी, रेत आदि जैसे कई अशुद्धियाँ होती है जिन्हें गैंग कहते है।

• किसी धातु पर जस्ता लेपन की प्रक्रिया को जस्तीकरण या गैल्वीनीकरण कहते है।

• अयस्क से धातु का निष्कर्षण तथा उसका परिष्करण कर उपयोगी बनाने के प्रक्रम को धातुकर्म कहते हैं। • धातुएँ तन्य, आघातवर्ध्य, चमकीली एवं ऊष्मा तथा विद्युत की सुचालक होती हैं। पारद के अलावा सभी धातुएँ कमरे के ताप पर ठोस होती हैं। कमरे के ताप पर पारद द्रव होता है।
• धातुएँ विद्युत धनात्मक तत्व होते हैं क्योंकि यह अधातुओं को इलेक्ट्रॉन देकर स्वयं धन आयन में परिवर्तित हो जाते हैं।

• ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर धातुएँ क्षारकीय ऑक्साइड बनाती हैं। ऐलुमिनियम ऑक्साइड एवं जिंक ऑक्साइड, क्षारकीय ऑक्साइड तथा अम्लीय ऑक्साइड, दानों के गुणधर्म प्रदर्शित करती हैं। इन ऑक्साइड को उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं।

• कार्बोनेट अयस्कों को वायु कि अनुपस्थिति में अयस्क को गर्म करके ऑक्साइड में परिवर्तित करना निस्तापन कहलाता है ।

• सल्फाइड अयस्कों को वायु की उपस्थिति में गर्म करके ऑक्साइड में परिवर्तित करना भर्जन कहलाता है ।

• जल एवं तनु अम्लों के साथ विभिन्न धातुओं की अभिक्रियाशीलता भिन्न-भिन्न होती है।
• प्राकृतिक रंबड को सल्फर के साथ गर्म करने की प्रक्रिया को रखंड का वाल्वनीकरण कहते है। ऐसा उनके गुणों में सुधार करने के लिए किया जाता है ।

• अभिक्रियाशीलता के आधार पर अवरोही क्रम में व्यवस्थित सामान्य धातुओं की सूची को सक्रियता श्रेणी कहते हैं। सक्रियता श्रेणी में हाइड्रोजन के ऊपर स्थित धातुएँ तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर सकती हैं।

• अधिक अभिक्रियाशील धातुएँ अपने से कम अभिक्रियाशील धातुओं को उसके लवण विलयन से विस्थापित कर सकती हैं।
• दो या दो से अधिक धातुओं अथवा एक धातु या एक अधातु के समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं। लंबे समय तक आर्द्र वायु के संपर्क में रखने से लोहा जैसे कुछ धातुओं की सतह संक्षारित हो जाती है। इस परिघटना को संक्षारण कहते हैं।

• अधातुओं के गुणधर्म धातुओं के विपरीत होते हैं। यह न तो आघातवर्ध्य तथा न ही तन्य होते हैं। ग्रैफाइट के अलावा सभी अधातुएँ ऊष्मा एवं विद्युत की कुचालक होती हैं। ग्रेफाइट विद्युत का चालक होता है।

• अधातुएँ विद्युत ऋणात्मक तत्व होती हैं क्योंकि धातुओं के साथ अभिक्रिया में इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर ऋण आवेशित आयन बनाती हैं।

• अधातुएँ ऑक्साइड बनाती हैं जो अम्लीय या उदासीन होती हैं।

• अधातुएँ अम्लों में से हाइड्रोजन का विस्थापन नहीं करती हैं। यह हाइड्रोजन के साथ अभिक्रिया कर हाइड्राइड बनाती हैं।
• सोडियम और पोटैशियम ऐसी दो धातुएँ हैं जिनकों चाकू से काटा जा सकता है ।
•गैलियम और सीजियम ऐसी दो धातुएँ हैं जिन्हें हथेली पर रखते ही पिघल जाती हैं ।
• धातुओं के ऑक्साइड की प्रकृति क्षारकीय होता है जबकि अधातुओं के ऑक्साइड की प्रकृति अम्लीय होता है |
• कैल्शियम ठंढे जल में तैरने लगता है जबकि मैग्नेशियम गर्म जल में तैरता है ।

• स्टील को कठोर बनाने के लिए इसमें 0.05% कार्बन मिलाया जाता है ।

प्रश्न 1.
 धातु क्या है ?
उत्तर-
धातुएँ वे तत्व होती है जो इलैक्ट्रान खोकर धनात्मक आयन बनाते है। धातु के बाह्यतम कोश में सामान्यतः एक , दो या तीन इलैक्ट्रान होते हैं। धातुऐ चमकिली होती है और ठोस होती है। धातु उष्मा तथा विधुत की सुचालक होती है।

प्रश्न 2.
अधातु क्या है ?
उत्तर- 
अधातु वे तत्व है जो इलैक्ट्रान लेकर ऋणात्मक आयन बनाती है। अधातुएँ परमाणुओं के बाह्यतम कोश में पाँच, छः सात तथा आठ इलैक्ट्रान होता है। केवल हाइड्रोजन तथा हीलियम को छोड़कर के अधातु ठोस, द्रव्य और गैस तीनो होते है। यह सामान्य ऊष्मा तथा विदुयुत के कुचालक होते है।

प्रश्न 3.
 खनिज क्या है ? -
उत्तर-
 खनिज पृथ्वी के अन्दर पाए वाले वह प्राकृतिक पदार्थ है जिसमें धातुऐं के यौगिक पाये जाते है। जैसे मैग्निज, बाक्साइड आदि।

प्रश्न 4.
 अयस्क क्या है ?
उत्तर- 
अयस्क वह खनिज होते हैं। जिनसे धातुओं का निष्कर्षण लाभप्रद हो और जिनमें धातु की मात्रा अधिक हो । सभी अयस्क खनिज होती है परन्तु सभी खनिज अयस्क नही होता है। वह खनिज जो सस्ते से सस्ते विधी से किसी तत्व को प्राप्त करते है वह तत्व का अयस्क कहलाता है।

प्रश्न 5.
गैंग किसे कहते है ?
उत्तर- 
पृथ्वी से प्राप्त खनिज अयस्कों में मिटटी, रेत आदि जैसे कई अशुद्धियाँ होती है जिन्हें गैंग कहते है।

प्रश्न 6.
धात्विक या धातुक्रम क्या है ?
उत्तर- 
अयस्क से धातुओं का निष्कर्षण करने तथा धातुओं को प्राप्त करने की प्रक्रिया को धात्विक या धातु क्रम कहते है 1

प्रश्न 7.
निस्तापन क्या है ?
उत्तर- 
कार्बोनेट अयस्कों को वायु कि अनुपस्थिति में अयस्क को गर्म करके ऑक्साइड में परिवर्तित करना निस्तान कहलाता है।

प्रश्न 8.
अयस्क का समृद्धिकरण क्या है ?
उत्तर- 
अयस्कों में से अंवाछनिय अशुद्धियों को दूर करने की प्राक्रिया को अयस्क का समृद्विकरण या सागरण कहते हैं ।

प्रश्न 9.
भर्जन क्या है ?
उत्तर- 
सल्फाइड अयस्कों को वायु की उपस्थिति में गर्म करके ऑक्साइड में परिवर्तित करना भर्जन कहलाता है।

प्रश्न 10.
धातु परिष्करण क्या है ? धातु परिष्करण की कितनी विधियाँ है।
उत्तर- 
अशुद्ध धातुओं को शुद्ध करना धातु परिष्करण कहलाता है।
धातु परिष्करण की चार विधियों है।
1. परिसमापन
2. आसवन
3. विद्युत अपघट्य परिष्करण
4. जोन परिष्करण विधि

प्रश्न 11.
धातु का सक्षारण क्या है ?
उत्तर- 
धातु का सक्षारण धातु के क्षय होने की एक धीमी प्रक्रिया है जो अपने आस-पास उपस्थिति वायु (ऑक्सीजन) तथा नमी तथा प्रदूषकों की क्रिया के कारण अपने ऊपर एक धातु ऑक्साइड की परत बना लेता है और जिससे धातु धीरे- धीरे क्षय होने लगता है | यही धातु का संक्षारण कहलाता है। लौहे मे जंग लगना लोहे के संक्षारण का एक उदाहरण है।

प्रश्न 12.
रंबड का वाल्वनीकरण क्या है ?
उत्तर- 
 प्राकृतिक रंबड को सल्फर के साथ गर्म करने की प्रक्रिया को रखंड का वाल्वनीकरण कहते है। ऐसा उनके गुणों में सुधार करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 13.
अघालवता तथा तन्यता का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- 
अघातवर्ध्यता - धातुओं का वह गुण जिनसे उनकों हथौड़े से पीट कर पतली चादर बनाई जा सकती है। धातुओं के इस गुण को अघातवर्ध्यता कहते हैं। सोना तथा चाँदी सबसे अधिक अघातवर्ध्य धातुऐ हैं। तन्यता धातुओं का वह गुण जिनसे उनको खीचकर पतली तार बनाया जा सकता है धातुओं के इस गुण को तन्यता कहते हैं।

प्रश्न 14.
 मिश्रधातु क्या है ?
उत्तर- 
किसी धातु का अन्य धातु या अधातु के साथ समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं। उन्हें पिघली अवस्था में रख कर प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 15.
धातुओं की संक्षारण रोकने की दो विधियों को लिखों। 
उत्तर-
1. रोधी विधि द्वारा वायु तथा धातु के बीच में रोधी का परत लगाकर धातु का संक्षारण रोका जा सकता है। यह पेन्ट, वारनिस या टिन, कॉपर, क्रोनियम, निकेल का विद्युत लेपन करके किया जाता है। इस प्रक्रिया को गैल्वीनीकरण ( यशदलेपन) कहते है।
2. उत्सर्ग विधि द्वारा इस प्रक्रिया में जिंक की परत से उस तत्व को ढ़ककर उस धातु का संक्षारण रोका जा सकता हैं ।

प्रश्न 16.
 यशद् लेपन या जस्तीकरण या गैल्वीनीकरण किसे कहते है ?
उत्तर- 
 किसी धातु पर जस्ता लेपन की प्रक्रिया को जस्तीकरण या गैल्वीनीकरण कहते है। -

प्रश्न 17.
अयस्क को समृधि करने की विधियो का वर्णन करो ।
 
उत्तर-
1. द्रव्य चालित दुलाई - इस विधि का उपयोग आक्साइड अयस्क को समृद्ध करने के लिए किया जाता है। गैंग कण समान्यता अयस्क कणों के सपेक्षा हल्के होते हैं। इस प्रक्रम में संक्षालित एंव बारिक पीसे हुऐ अयस्क को जल धारक द्वारा धुलाई करते है। जिसके फलस्वरूप हमे हल्के गैंग कण जल धारा के साथ बहने के उपरांत भारी अयस्क कण प्राप्त होते हैं।
2. फेन प्लवन प्रक्रम - यह विधि विशेष रूप से कॉपर जिंक एंव लेड के सल्फाइड अयस्को को गैंग से पृथक करने के लिए उपयोग में लाई जाती है। इस प्रक्रम में बारिक हुऐ अयस्क एक बड़े टेक मे जल के साथ मिश्रत करके कर्दम बना लेते है। तत्पश्चात उसमे चीड का तेल डालते हैं। इस कदैम मे जब तीव्र गति से वायु प्रवाहित की जाती है तो उसके फलस्वरूप हल्का तेल फेन जिसमें प्रमुख्यता सल्फाइड अयस्क होता है। ऊपर उठ कर टैंक की ऊपरी सतह पर मलफेन के रूप में तैरता है। जिसे अपमलन करके सुखा लेते है। चूँकि अयस्क गैंग भारी होते है। इसलिए जल में डुबोकर टैंक के तल पर जमा हो जाते है।
3. विधुत चुम्बकिय पृथक्करण इस विधी से चुम्बकिय अयस्कों अलग किया जाता है। चुम्बकिय पृथक्करण में एक चमड़े का पट्टा होता है जो दो रोलरो पर घूमता है जिसमे से एक रोलर विधुत चुम्बकीय होता है बारीक पिसे हुऐ अयस्क को घुमते हुऐ पटटे के एक सिरे पर डालते है। तो अयस्क का चुम्बकिय भाग, चुंबक से आकर्षित होकर उसके समीप एक के रूप में इक्कठा हो जाता बनाती हैं।
4. रासायनिक पृथ्ककरण रासायनिक पृथक्करण प्रक्रम मे अयस्क एंव गैंग के रासायनिक गुणधर्मो के भिन्नता के आधार पर बनाने है, इस प्रक्रम से शुद्ध धातु प्राप्त कराने के लिए विभिन्न रासायनिक प्रक्रिया का उपयोग करते है।

प्रश्न 18.
अपचयन क्या हैं ?
उत्तर- 
धातु यौगिको से धातुओं को प्राप्त करने के प्रक्रम को अपचयन कहते हैं।

प्रश्न 19.
दो धातुओं के नाम लिखिए जो ऊष्मा की सर्वाधिक चालक हैं।
उत्तर-
 चाँदी एवं कॉपर ।

प्रश्न 20.
दो सबसे अधिक आधातवर्धय धातु का नाम लिखिए।
उत्तर-
 सोना तथा चाँदी ।

प्रश्न 21. 
दो ऐसे धातुओं के नाम लिखिए जिन्हें चाकू से आसानी से काटा जा सकता हैं। -
उत्तर- 
 सोडियम तथा पौटेशियम । -

प्रश्न 22. 
उन दो धातुओं का नाम लिखिए जिनका गलनांक इतना कम होता है कि हाथ पर रखते ही वे पिघल जाती है।
उत्तर- 
 गैलियम तथा सीजीयम ।

प्रश्न 23.
 एक धातु तथा एक अधातु का नाम बताइए जो कक्ष ताप पर द्रव अवस्था में पाई जाती है।
उत्तर- 
 धातु - पारा , अधातु - ब्रोमीन

प्रश्न 24.
 एक ऐसी अधातु का नाम बताइए जिसकी सतह चमकदार होती हैं।
उत्तर- 
 आयोडिन 

प्रश्न 25. 
धातु एवम् अधातुए किस प्रकृति के ऑक्साइड बनाता है ? -
उत्तर- 
 धातु क्षारकीय ऑक्साइड तथा अधातु अम्लीय ऑक्साइड बनाते है।

प्रश्न 26.
 कार्बन के उस अपररूप का नाम बताइए जो अभी तक ज्ञात सर्वाधिक कठोर पदार्थ है। -
उत्तर- 
 हीरा

प्रश्न 27. 
उन दो धातुओं का नाम लिखिए जो पानी में रखने पर तैरेने लगते हैं।
उत्तर- 
 कैल्सियम तथा मैग्नीशियम ।

प्रश्न 28.
 कौन सी दो धातुएं तनु नाइट्रिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करने पर हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है। 
उत्तर- 
 मैग्नीशियम तथा मैग्नीज ।

प्रश्न 29.
 सोडियम तथा पोटैशियम धातु को किरोसीन में क्यों डुबाकर रखा जाता हैं।
उत्तर- 
 सोडियम तथा पौटेशियम हवा एवं जल के साथ सामान्य ताप पर भी बहुत तेजी से अभिक्रिया करती हैं। यदि इसे खुला में रखा जाए तो वह आग भी पकड़ लेती हैं। अतः इसकी सुरक्षा के लिए इसे किरोसरन तेल में डुबोकर रखा जाता हैं ।

प्रश्न 30. 
मैग्नीशियम धातु जब हवा में जलती है तब उसकी लौ का रंग क्या होता हैं।
उत्तर- 
 हल्का हरा और नीला ।

प्रश्न 31. 
दो धातुओं के नाम बताइए जो पानी से अभिक्रिया नहीं करती लेकिन भाप से अभिक्रिया करती हैं।
उत्तर- 
 ऐल्युमीनियम तथा आयरन ।

प्रश्न 32. 
सोडियम क्लोराइड में किस प्रकार आबंध होता हैं ?
उत्तर- 
 आयनिक आंबध ।

प्रश्न 33.
 निम्न रासायनिक अभिक्रिया में अपचायक का नाम बताइए । Fe203 + Al Al203 + Fe
उत्तर- 
 ऐल्युमीनियम

प्रश्न 34.
 उस विधी का नाम बताइए जिसके द्वारा सक्रियता श्रेणी में सबसे उपर स्थित धातुओं को निष्कर्षित किया जाता है।
उत्तर- 
 विद्युत अपघटनी अपचयन।

प्रश्न 35.
 धातुओं के निष्कर्षण में सामान्यतः उपयोग में लाये जाने वाले एक सस्ते अपचायक का नाम लिखए ।
उत्तर- 
 कार्बन ।

प्रश्न 36.
 विद्युत अपघटनी परिष्करण में अशुद्ध धातु से बनी इलेक्ट्रोड कौन सी है तथा शुद्ध धातु से बनी इलेक्ट्रोड कौन सी है?
उत्तर- 
(i) अशुद्ध धातु से बनी इलेक्ट्रोड को एनोड बनाते हैं। (ii) शुद्ध धातु से बनी इलेक्ट्रोड को कैथोड बनाया जाता है।

प्रश्न 37. 
तांबे के विद्युत अपघटनी परिष्करण में उपयोग होने वाले विद्युत अपघटय का नाम लिखिए।
उत्तर- 
 अम्लीकृत कॉपर सल्फेट का विलयन

प्रश्न 38. 
अमलगम किसे कहते हैं ?
उत्तर- 
यदि कोई एक धातु पारद है तो इसके मिश्रधातु को अमलगम कहते है।

प्रश्न 39.
 लोहे से स्टेनलेस स्टील कैसे प्राप्त होता है ?
उत्तर- 
 लोहे के साथ निकैल एवं क्रोमियम मिलाने पर हमें स्टेनलेस स्टील प्राप्त होता है। इसको कठोर बनाने के लिए लगभग 0.05 प्रतिशत कार्बन मिलाया जाता है।

प्रश्न 40. 
मिश्रधातु किसे कहते है ? -
उत्तर- 
 दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते है । जैसे स्टेनलेस स्टील, काँसा, पीतल, सोल्डर आदि ।

प्रश्न 41. 
ताँबा और जस्ते से बने एक मिश्रधातु का नाम लिखे।
उत्तर- 
पीतल

प्रश्न 42.
 ताँबा और टीन से बने एक मिश्रधातु का नाम लिखे ।
उत्तर- 
 काँसा।

प्रश्न 43.
 सीसा तथा टीन से बने मिश्रधातु का नाम लिखे।
उत्तर- 
 सोल्डर

प्रश्न 44. 
सोल्डर का उपयोग लिखिए। -
उत्तर- 
 इसका उपयोग विद्युत तारों की परस्पर वैक्लिंडंग के लिए किया जाता है।

प्रश्न 45. 
शुद्ध सोने का उपयोग आभूषण बनाने के लिए क्यों नहीं किया जाता है ?
उत्तर- 
 शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है तथा यह काफी नर्म होता है। इसलिए शुद्ध सोने का उपयोग आभूषण बनाने के लिए नहीं किया जाता है।

प्रश्न 46.
 शुद्ध सोने को आभूषण बनाने योग्य कैसे बनाते है ?
उत्तर- 
 शुद्ध सोने में 2% ताँबा मिलाकर कठोर बनाया जाता है। क्योंकि शुद्ध सोना आभूषण बनाने योग्य नहीं होता यह बहुत नर्म होता है।

प्रश्न 47.
 धातु के विद्युत अपघटनी परिष्करण के दौरान ऐनोड के नीचे निक्षेपित अविलयशील अशुद्धियों का नाम लिखिए।
उत्तर- 
 एनोड पंक ।

2 अंक के प्रश्न (Examination Based)

प्रश्न 1.
 ऐलुमिनियम के अयस्क को कार्बन द्वारा अपचयित करके ऐलुमिनियम क्यों नहीं प्राप्त किया जा सकता हैं ?उत्तर- 
 क्योंकि ऐलुमिनियम सक्रियता श्रेणी में उच्च हैं। जबकि सक्रियता श्रेणी के मध्य में आने वाले धातुओं के अयस्कों का कार्बन द्वारा अपचयित करके धातु प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 2. 
सक्रियता श्रेणी के मध्य में आने वाले धातुओं के अयस्कों निष्कर्षण कैसे किया जाता है ?
उत्तर- 
 सक्रियता श्रेणी के मध्य में आने वाले धातुओं के अयस्कों का कार्बन द्वारा अपचयित करके धातु प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 3. सक्रियता श्रेणी में नीचे आने वाले धातुओं के अयस्कों निष्कर्षण कैसे किया जाता है ?
उत्तर- 
 गर्म करके ।

प्रश्न 4.
 स्टेनलेस स्टील के दो गुण लिखिए तथा इसको बनाने में कार्बन क्यों मिलाया जाता है ?
उत्तर- 
 स्टेनलेस स्टील के दो गुण:- 
(i) यह कठोर होता है। (ii) इसमें जंग नहीं लगता है।
कार्बन मिलाने से यह अत्यधिक कठोर हो जाता है इसलिए इसको बनाने में कार्बन मिलाया जाता है।

प्रश्न 5.
 एक तत्व A ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करने पर ऑक्साइड बनाता है जिसका पानी में विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है। तत्व A धातु है या अधातु ।
उत्तर- 
 धातु चूकिं लाल लिटमस को नीला करने का गुण क्षारकीय में होता हैं। धातु के आक्साइड की प्रकृति क्षारकीय " होता है, अतः A एक धातु है।

प्रश्न 6. 
क्या अधिकांश धातुएं नाइट्रिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रोजन उत्पन्न करती है ? कारण दीजिए ।
उत्तर- 
 नहीं, सभी धातुएँ नाइट्रिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस उत्पन्न नहीं करती है। क्योंकि HNO3 एक प्रबल ऑक्सीकारक होता है जो उत्पन्न H2 को ऑक्सीकृत करके जल में परिवर्तित कर देता है एवं स्वयं नाइट्रोजन के किसी ऑक्साइड में अपचयित हो जाता है।

प्रश्न 7. 
सोडियम क्लोराइड का क्वथनांक उच्च क्यों होता है ? -
उत्तर- 
 सोडियम क्लोराइड एक आयनिक यौगिक है इसलिए इसका क्वथनांक उच्च होता है। क्योंकि मजबूत अंतर- आयनिक आकर्षण को तोड़ने के लिए बहुत अधिक उर्जा की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 8.
 आयनिक यौगिकों के गलनांक उच्च क्यों होता है ?
उत्तर- 
आयनिक यौगिकों के गलनांक उच्च इसलिए होता है क्योंकि मजबूत अंतर आयनिक आकर्षण को तोडने के लिए बहुत अधिक उर्जा की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 9. 
आयनिक यौगिक ठोस एवं कठोर क्यों होते है ?
उत्तर- 
 धन एवं ऋण आयनों के बीच मजबूत आकर्षण बल के कारण आयनिक यौगिक ठोस एवं कठोर होता है । 

🖊  कुछ धातुओं और अधातुओं के प्रसिद्ध अयस्कों के नाम निम्नलिखित है । 
  1. लोहा के प्रसिद्ध अयस्कों के नाम
(A) हेमाटाइट (Fe203)
(B) मैंगनेटाइट (Fe3O4)
(C) सिडेराइट ( FeCO3)
(D) आयस पाइराइटस (FeS2)

Note - लोहा का निष्कर्षण Fe2O3(हेमाटाइट) से किया जाता है 

 2. तांबा के प्रसिद्ध अयस्कों के नाम
(A) कॉपरग्लास (Cu2S)
(B) कॉपर पाइराइट्स  (CuFeS2)
(C) कुपराइट (Cu2O)
(D) मैले काइट Cu(OH)2 , CuCO3

Note- तांबा का निष्काषण CuFeS2 से किया जाता है।

3. एल्युमिनियम  के प्रसिद्ध अयस्कों के नाम
(A) बक्साइड  (Al2O3) ,2H2O
(B) कोरंडम (A203)
(क) क्रायोलाइट ( Na3Al Fe6 )

Note-  एल्युमिनियम का निष्काषण बॉक्साइट से किया जाता

4. साडियम के प्रसिद्ध अयस्कों के नाम
(A) रॉक साल्ट (NaCl)
(B) कास्टिक सोडा (NaOH)
(C) चिली साल्ट पीटर ( NaNO3)
(D) सज्जी मिट्टी (Na2SO4, 10H2O)
(E) सोहागा (Na2B4O7 , 10H2O)

Note-  साडियम का  निष्काषण कास्टिक सोडा (NaOH) से किया जाता है । 

5. जास्त के प्रमुख अयस्कों के नाम
(A) जिंक ब्लैन्ड (ZnS)
(B) कैलेमाइन (ZnCO3)
(C)जिंक काइट (znO)

Note :- जास्त का  निष्काषण  जिंक ब्लैन्ड (ZnS) या कैलेमाइन(ZnCO3) से किया जाता है।

अधातु

1. सिल्कन के प्रमुख अयस्कों के नाम
(A) सिलिका (SiO2)
(B) माइका या अभ्रक (KH2 Al(Si4)
 Note:-  सिलिकन का निष्काषण सीलीका से किया जाता है।

2. फासफारस के प्रमुख अयस्कों के नाम

(A) फसफ़ोराइट (ca3) (PO4)2

Note :- फासफारस निष्कर्षण फास्फोराइट से किया जाता है । 

3. सल्फर  के प्रमुख अयस्कों के नाम
(A) सिनेबार (Hgs)
 (B) जिंक ब्लैन्ड (ZnS)
(C) कॉपर पाइराइट्स (CuFeS2)

Note :-  सल्फर का निष्कर्षा फ्राश विधि (Frash Process) द्वारा किया जाता है।

🖊  कुछ रासायनिक सूत्र 
1. आयरन पाइराइड - FeS2
2. लेड सल्फाइड या गैलेना  - PbS
3. आरसेनिक सल्फाइड या आरपीमेन्ट (orpiment) AS2S3
4.  जिप्सम - CaSO4, 2H2O
5. हेबी स्पार (Heavy spar) = BaSO4
6. इप्सम साल्ट = mgSO4, 7H2O
7. सज्जी मिट्टी या glaubars Salt -Na₂SO4, 10H2O 

🖊 धातुओं की सक्रियता श्रेणी (Activity Series of metals) - धातुओं की सक्रियता श्रेणी वह सूची है जिसमें धातुओं को आरोही क्रम में व्यवस्थीत किया जाता है।

धातुओं की सक्रियता श्रेणी निम्न है 
(1) k ⟶ सबसे अधिक क्रियाशील
(2) Ca 
(3) Na 
(4) Mg
(5) Al
(6) Zn
(7) Fe
(8) Sn
(9) Pb
(10) H2
(11) Cu
(12) Hg
(13) Ag
(14) Au
(15) Pt - प्लैटिनियम 
 Au सबसे कम क्रियाशील

🖊 Chemical Bond (रसायनिक बंधन) → किसी अणुओं को बाँध कर एक साथ रखने वाली बल को Chemical Bond या सायनिकबंधन कहते हैं।

रसायनिक बंधन तीन प्रकार के होते हैं 
 (1) Electrovalent bond or Ionic bond (वैधुत संयोजक बंधन)
(2) Covalent bond (सहसंयोजक बंधन)
(3) Co - ordinate bond (उप सह संयोजक)

(1) वैधुत संयोजक बंधन - किसी धातु के परमाणु से किसी आधातु के परमाणु पर एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों के पूर्ण स्थानान्तर से बने बंधन को वैधुत संयोजक बंधन कहते है।

जैसे :- Nacl 
(2) सहसंयोजक बंधन - दो समान या असमान परमाणुओं के बीच बराबर 2 इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से बने बंधन को सहसंयोजक बंधन कहते है । 
जैसे-घइड्रोजन - H+ H→ 14₂ cir

(3) उप सह संयोजक :-  उप सह संयोजक बंधन भी  सहसंयोजक बंधन का प्रकार है। जिसमें साझेदारी का इलेक्ट्रान युग्म केवल एक ही परमाणु प्राप्त होता है। जो प्रमाण साझेदारी के लिए इलेक्ट्रान युग्म देता है उसको दाता ( dorror) और जो परमाणु अपना इलेक्ट्रान दिए बिना  इलेक्ट्रान युग्म में साझेदारी करता है उसको ग्राही (Accepter) कहा जात है। दाता तथा ग्राही परमाणुओ को साष्ट रूप से दिखने के लिए इस बंधन को (→) तीर से निरूपित किया जाता है।
जैसे :-  NH4 = HINH

🖊  सहसंयोजक बंधन (co-valent bond) तीन प्रकार के होते हैं।
(1) single covalent bond (एकल सहसंयोजक बंधन)
(2) Double covalent bond (द्वितीय सहसंयोजक बंधन)
(3) Tripple Covalent bond (त्रितीय सहसंयोजक बंधन)

(1) एकल सहसंयोजक बंधन :- जब दो परमाण एक - एक Electron देकर परस्पर साझेदारी करते है तो इस प्रकार बने बंधन कोएकल सहसंयोजक बंधन कहते है।
जैसे :- 
Note - एकल सहसंयोजक बंधन  को 2 Dots या एक dash से निरूपित किया जाता है।

(2) द्वितीय सहसंयोजक बंधन :- जब दो परमाणु 2-2 electrons देकर परस्पर साझेदारी करते हैं तो इस प्रकार बने बंधन को द्वितीय सहसंयोजक बंधन कहते है।
 जैसे:-
Note- द्वितीय सहसंयोजक बंधन को चार Dots या दो dash से निरूपित किया जाता है।

(3) त्रितीय सहसंयोजक बंधन: - जब दे परमाणु 3-3 Electron देकर परस्पर साझेदारी करते है तो इस प्रकार बने बंधन को त्रितीय सहसंयोजक बंध कहते है।
जैसे:- N+NHH NENIN₂

🖊 Lone pair (निर्जन जोड़ी) - Electrons के ऐसे जोडे जो covalent bond की रचना में भाग नही लेते है। उनको Lone pair  या निर्जन जोड़ी कहते है।
 जैसे:- N +3'HHHH-NH
अर्थात, नाइट्रोजन तथा हाइड्रोजन या HNO3 से  अमोनियम के निर्माण में एक Lone pair कहा जाता है । 

🖊 Bonding pair (सम्बंधी युग्म) → Electrons के ऐसे जोड़े जो covalent bond की रचना में भाग लेते हैं उनको है Bonding pair कहते हैं।

Dear Asif Sir