Page 343 - दीपावली

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दीपावली

भूमिका- हमारे देश में प्रतिवर्ष अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। इन त्योहारों में ईद, दीपावली, रक्षाबंधन, ओणम, विजयादशमी प्रमुख हैं। इन त्योहारों को भारत की अनेक जातियाँ बड़ी धूम-धाम से मनाती हैं। इन त्योहारों में दीपावली प्रमुख है। यह त्योहार हिन्दुओं का प्रसिद्ध त्योहार है ।

दीपावली कब और क्यों मनाते हैं- दीपावली का पर्व कार्तिक माह में अमावस्या के दिन मनाया जाता है । शरद ऋतु में आरंभ होने के कारण मौसम अत्यंत सुहावना होता है । वातावरण में चारों ओर उल्लास और आनंद दिखाई देता है। दीपावली का उत्सव मनाए जाने के कई कारण हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इसी दिन श्री राम, रावण का संहारकर तथा लंका को जीतकर अयोध्या लौटे थे । अयोध्यावासियों ने श्रीराम के लौटने पर सम्पूर्ण अयोध्या नगरी को दीप मालाओं से प्रकाशित करके अपनी प्रसन्नता को व्यक्त किया । तभी से प्रतिवर्ष यह त्योहार मनाया जाता है। जैन धर्म के अनुयायी भी दीपावली को एक पवित्र उत्सव मानते हैं। उनके मतानुसार महावीर ने इसी तिथि को निर्वाण प्राप्त किया था। देवलोक वासियों ने उनके स्वागत में दीये जलाए थे। इसी दिन श्रीकृष्ण ने इन्द्र के कोप में डूबते हुए ब्रज को बचाया।

इससे लाभ- उपर्युक्त प्रचलित धार्मिक कारणों के अतिरिक्त दीपावली उत्सव का एक अन्य महत्त्व यह है कि वर्षा के कारण गंदे हुए मकानों की सफाई आदि के लिए भी यह मौसम उपर्युक्त है। खरीफ की फसल भी इन्हीं दिनों घर में आती है। यह नया अन्न, वैभव का प्रतीक होता है। इसलिए धान की खीलों से ही लक्ष्मी पूजन किया जाता है।

इससे हानि- इस अवसर पर बहुत लोग जुआ में बहुत रुपये हार जाते हैं। आतिशबाजी से कुछ लोग घायल हो जाते हैं।

उपसंहार- दीपावली हमें याद दिलाती है कि बुराई पर अच्छाई की विजय होती है।