Page 211 - वर्ग 10वीं , जीव विज्ञान , अध्याय 1 - जैव प्रक्रम : पोषण , भारती भवन किताब समाधान

अध्याय 1 - जैव प्रक्रम : पोषण 

🖊 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न व उत्तर :
 
प्रश्न
1. जैव प्रक्रम किसे कहते है ?
उत्तर:- वे सारी क्रियाएं जिनके द्वारा जीवों का अनुरक्षण होता है , उसे जैव प्रक्रम कहते है ।

प्रश्न 2. बहुकोशिकीय जीवों में आक्सिजन की आवश्यकता विसरण द्वारा क्यों नहीं पूरी हो पाती है ?
उत्तर:- बहुकोशिकीय जीवों का शरीर के अंग जटिल होते हैं तथा सारी कोशिकाएं सीधे पर्यावरण के संपर्क में नहीं होती हैं । जिससे उनको विसरण द्वारा आक्सिजन की प्राप्ति नहीं हो पाती है । इसलिए बहुकोशिकीय जीवों में आक्सिजन की आवश्यकता विसरण द्वारा नहीं पूरी हो पाती है

प्रश्न 3. जीवों मे पोषण की प्रमुख दो विधियाँ कौन – कौन सी है ?
उत्तर:- (
i) स्वपोषण (ii) पर – पोषण

प्रश्न 4. हरे पौधों में किस प्रकार का पोषण पाया जाता है ?
उत्तर:- हरे पौधों स्वपोषण पाया जाता है।

प्रश्न 5. जंतुओं में पोषण की कौन सी विधि पाई जाती है ?
उत्तर:- जंतुओं में पर – पोषण पाई जाती है।

प्रश्न 6. तीन प्रकार के परपोषण विधिओं के नाम बताएं ।
उत्तर:- (
i) मृतजीवी पोषण  (ii) परजीवी पोषण (iii) प्राणीसम पोषण

प्रश्न 7. सम्पूर्ण प्रकाशसंश्लेषण की प्रक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखें ।
उत्तर:- 


प्रश्न 8. प्रकाशसंश्लेषण की प्रक्रिया में उपोत्पाद के रूप में क्या बनता है ?
उत्तर:-प्रकाशसंश्लेषण की प्रक्रिया में उपोत्पाद के रूप में आक्सिजन बनता है ।

प्रश्न 9. प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया हरित लावक  या क्लोरोप्लास्ट में ही क्यों होती है ?
उत्तर:- क्लोरोप्लास्ट में क्लोरोफिल वर्णक पाया जाता है जो प्रकाशसंश्लेषण के जरूरी होता है । अतः प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया हरित लावक  या क्लोरोप्लास्ट में ही होती है

प्रश्न 10. प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया में किन – किन पदार्थों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर:- प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया में निमलिखित पदार्थों की आवश्यकता होती है।
(
i) सूर्य का प्रकाश   (ii) क्लोरोफिल वर्णक  (iii) कार्बनडाईऑक्साइड गया   (iv) जल

प्रश्न 11. प्रकाशसंश्लेषण प्रक्रिया के लिए पौधे
CO2 कहाँ से प्राप्त करते हैं ?
उत्तर:- प्रकाशसंश्लेषण प्रक्रिया के लिए पौधे
CO2 वायुमंडल से प्राप्त करते हैं ?

प्रश्न 12. कवक एवं जीवाणुओं में प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया क्यों नहीं पाई जाती है ?
उत्तर:- कवक एवं जीवाणुओं में क्लोरोफिल वर्णक अनुपस्थित होता है । अतः कवक एवं जीवाणुओं में प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया  नहीं पाई जाती है ।

प्रश्न 13. पोषण के दृष्टि से अमीबा तथा पैरामिशियम किस प्रकार के जन्तु है ?
उत्तर:- पोषण के दृष्टि से अमीबा तथा पैरामिशियम प्राणीसम पोषी है ।

प्रश्न 14. मनुष्य का आहारनाल कौन – कौन से मुख्य भागों में बाँटा होता है ?
उत्तर:- मनुष्य का आहारनाल निम्नलिखित मुख्य भागों में बाँटा होता है।
(
i) मुखगुहा   (ii)  अमाशय  (iii) पित्ताशय (iv) छोटी आंत   (v) बड़ी आंत

प्रश्न 15. ग्रसनी में स्थित दो छिद्रों के नाम लिखें ।
उत्तर:- ग्रसनी में स्थित दो छिद्रों के नाम (
i) निगलद्वार और (ii) कंठद्वार है

प्रश्न 16. मनुष्य में पाचन आहारनाल के किस भाग से शुरू होता है ?
उत्तर:- मुखगुहा से होता है ।

प्रश्न 17. मनुष्य के आहारनाल के किस भाग में पचे हुए भोजन का अवशोषण होता है?
उत्तर:- मनुष्य के आहारनाल के छोटी आंत में पचे हुए भोजन का अवशोषण होता है।

प्रश्न 18. क्लोरोफिल वर्णक कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर:- क्लोरोफिल वर्णक क्लोरोप्लास्ट में पाया जाता है ।

प्रश्न 19. प्रकाशसंश्लेषण प्रक्रम द्वारा पौधे क्या निर्माण करते हैं ?
उत्तर:- प्रकाशसंश्लेषण प्रक्रम द्वारा पौधे निम्नलिखित चीजों के निर्माण करते हैं
(
i) अपना भोजन (ग्लुकोस)  (ii) आक्सिजन 

प्रश्न 20. मृतजीवी को क्या कहते है ?
उत्तर:- मृतजीवी को क्या कहते अपघटक कहते है ।

प्रश्न 21. जिस जीव के शरीर से परजीवी अपना भोजन प्राप्त करते हैं , वे क्या कहलाते हैं ?
उत्तर:- पोषी कहलाते हैं ।

प्रश्न 22. गोबरछत्ता में किस प्रकार का पोषण पाया जाता है ?
उत्तर:- गोबरछत्ता में मृतजीवी पोषण पाया जाता है ।

प्रश्न 23. पत्तियों का कौन सा अंग
CO2 युक्त वायु का प्रवेश द्वार है ?
उत्तर:- रंध्र -
stomata

प्रश्न 24. पोषण की दृष्टि से जंतुओं को क्या कहा जाता है ?
उत्तर:- पोषण की दृष्टि से जंतुओं को परपोषी कहा जाता है ।

प्रश्न 25. अमीबा में भोजन का पाचन कहाँ होता है ?
उत्तर:- अमीबा में भोजन का पाचन रसधानी में होता है ।

प्रश्न 26. मनुष्य में पाचन के लिए विशेष अंग को क्या कहते हैं ?
उत्तर:- मनुष्य में पाचन के लिए विशेष अंग को आहारनाल कहते है ।

प्रश्न 27. मनुष्य के जीभ के ऊपरी सतह पर पाई जानेवाले संरचना को क्या कहते है ?
उत्तर:- मनुष्य के जीभ के ऊपरी सतह पर पाई जानेवाले संरचना को स्वाद कलिकाएं कहते है ।

प्रश्न 28. मुखगुहा से भोजन कहाँ पहुंचता है ?
उत्तर:- मुखगुहा से भोजन ग्रास नली में पहुंचता है ।

प्रश्न 29. ग्रास नली की दीवार में तरंग की तरह होने वाली सिकुड़न एवं फैलाव को क्या कहते हैं ?
उत्तर:- ग्रास नली की दीवार में तरंग की तरह होने वाली सिकुड़न एवं फैलाव को क्रमाकुंचन कहते है ।

प्रश्न 30. भोजन में मौजूद प्रोटीन को पेप्टॉन में कौन सा एंजाइम परिवर्तित करता है ?
उत्तर:- भोजन में मौजूद प्रोटीन को पेप्टॉन में कौन पेप्सिन परिवर्तित करता है ।

प्रश्न 31. आहारनाल के सबसे लंबे भाग को क्या कहते हैं ?
उत्तर:- आहारनाल के सबसे लंबे भाग को छोटी आंत कहते हैं ।

प्रश्न 32. शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि क्या है ?
उत्तर:- शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि यकृत ग्रन्थि है ।

प्रश्न 33. पाचन की क्रिया कहाँ पूर्ण होती है?
उत्तर:- पाचन की क्रिया कहाँ पूर्ण छोटी आंत के इलियम में होती है ।

प्रश्न 34. छोटी आंत और बड़ी आंत के जोड़ पर अवस्थित नली को क्या कहते हैं ?
उत्तर:- छोटी आंत और बड़ी आंत के जोड़ पर अवस्थित नली को सीकम कहते हैं ।

प्रश्न 35. अपचा भोजन अस्थायी तौर पर कहाँ संचित रहता है ?
उत्तर:- अपचा भोजन अस्थायी तौर पर मलाशय / रेक्टम में संचित रहता है।


🖊 लघु उत्तरीय प्रश्न व उत्तर : 

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 🖊  दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. पोषण किसे कहते है ? जीवों में होनेवाली विभिन्न पोषण विधियों का उल्लेख करें |
उत्तर :- वह विधि जिससे जीव खाद्य पदार्थो को ग्रहण करके उनका उपयोग करते हैं , पोषण कहलाता है ।

पोषण के विभिन्न प्रकार :-

(i) स्वपोषी (Autotrophic) :- ये अपना भोजन CO2 और जल के द्वारा प्रकाश ऊर्जा की सहायता से स्वयं तैयार करते है
 जैसे :- हरे पौधे |
(ii) विषमपोषी (Heterotrophic) :- ये अपना भोजन अन्य स्रोतों से ग्रहण करते है |जैसे :– मनुष्य , अन्य जीव – जन्तु
(iii) मृतपोषी (Saprophytic) :- ये अपना भोजन मृत या सड़े-गले पदार्थो से ग्रहण करते है |
जैसे :- कवक , बैक्टीरिया , प्रोटोजोआ
(iv) परजीवी (Parasitic Nutrition) :- ये अन्य जीवो से भोजन प्राप्त करते है |
जैसे :- अमरबेल , टेपवर्म , हुकवर्म , जीवाणु
(v) प्राणिसम पोषी :- ये अपना भोजन ठोस या द्रव के रूप में ग्रहण करते हैं ।
जैसे :- अमीबा , मेढक , मनुष्य
2. प्रकाशसंश्लेषण-प्रक्रिया को संक्षेप में समझाएँ |
उत्तर :- जिस प्रक्रिया के द्वारा पौधे अपना भोजन स्वयं तैयार करते है, उस प्रक्रिया को प्रकाशसंश्लेषण कहते है | सभी हरे पौधों में पर्णहरित होता है जिसमे सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने की क्षमता होती है | सूर्य के प्रकाश में मौजूद सौर ऊर्जा को ट्रैप / विपाश करके उसे रसायनिक ऊर्जा में बदलकर संश्लेषित ग्लूकोस के अणुओं में समावेश करते हैं । पौधे इस प्रक्रिया द्वारा सिर्फ ग्लूकोज का ही उत्पादन नहीं करते है - बल्कि वे सूर्य-प्रकाश की विकिरण ऊर्जा का स्थिरीकरण रासायनिक ऊर्जा में करते है, जो ग्लूकोज अणुओं में संचित रहती है |
सम्पूर्ण प्रकाशसंश्लेषण की प्रक्रिया को हम निम्नलिखित रासायनिक समीकरण द्वारा व्यक्त करते है
|

उपर्युक्त समीकरण से स्पस्ट है की इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन उपोत्पाद के रूप में बनता है, जो पौधों द्वारा वायुमंडल में छोड़ा जाता है |
3. एक प्रयोग द्वारा दर्शाएँ की प्रकाशसंश्लेषण के लिए क्लोरोफिल आवश्यक है |
उत्तर :- एक क्रोटोन या कोलियस की चित्तीदार पत्ती को तोड़े | उसकी हरी और सफेद चित्तियों को रेखांकित करें | इस पत्ती को बीकर में रखे पानी में डालकर कुछ देर उबालें और उबालने के पश्चात उसे गर्म एल्कोहल या स्प्रिट में दाल दे | अब इस एल्कोहल वाले बीकर को वाटर बाथ रखकर उबाले। आप थोड़े देर में देखेंगे की स्प्रिट हरे रंग का है जा रहा है। क्योंकि पत्ती में मौजूद हरा वर्णक क्लोरोफिल पत्ती से निकलकर धीरे-धीरे
एल्कोहल में घुल जाता है | जब पत्ती रंगहीन या हल्के पीले रंग या सफेद हो जाए तो बीकर को ठंडा होने के लिए छोड़ दें |

ठंडा होने के बाद पत्ती को पानी में अच्छी तरह धो ले | इसके बाद इस पत्ती को पेट्रीडिश में रखकर उसपर आयोडीन की कुछ बुँदे डालें | आप देखेंगे की पत्ती का हरी चित्तियोवाला भाग गाढ़ा नीला रंग का हो जाता है, परन्तु पत्ती का सफेद चित्तियोंवाले भाग नीला नहीं होता है | इसका अर्थ हुआ की सफेद भाग पर आयोडीन का कोई असर नहीं हुआ | ऐसा क्यों हुआ ? हरी चित्तियोवाला मौजूद था, इसीलिए उस हिस्से में प्रकाश- संश्लेषण की क्रिया हुई, जिससे उसमे मंड का निर्माण, परन्तु पत्ती के सफेद चित्तियोवाले भाग क्लोरोफिल अनुपस्थित होता है | इसीलिए उस भाग में प्रकाश- संश्लेषण की क्रिया हुई मंड स्टार्च का निर्माण हुआ | इससे यह साबित की बिना क्लोरोफिल के प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया संपन्न नहीं हो सकती |
4. प्रकाश संश्लेषण के लिए CO 2 आवश्यक है, इसे साबित करने के लिए एक प्रयोग का वर्णन करे |
उत्तर :- एक गमले लगा पौधा लें समय तक अँधेरे की उसमे स्टार्च उपयोग न जाए |

चौड़े मुँह की एक बोतल ले | इसमें कुछ KOH विलयन ले | अब उपरोक्त पौधों की एक पत्ती तोड़कर उसमे डाले और उसे बोतल में फटी कॉर्क के द्वारा इस प्रकार रखे आधी पत्ती बाहर रहे और आधी अंदर रहे |

प्रकाश संश्लेषण क्रिया में कार्बन डाइआक्साइड गैस आवश्यक है इस उपकरण को वायुरुद्ध करे और समय तक प्रकाश पत्ती को बोतल से बाहर निकाले | अब इसे एल्कोहल में उबालें जिससे क्लोरोफिल समाप्त हो जाए | अब पत्ती को पेट्रीडिश में रखे और उस पर कुछ बुँदे आयोडीन विलयन की डालें |
पत्ती का वह आधा भाग जो बाहर वातावरण में था, नीला है स्टार्च उपस्थिति दिखाता है और पत्ती का वह भाग जो बोतल अंदर था, होता है जो अनुपस्थिति दर्शाता है |
5. अमीबा का भोजन क्या है ? अमीबा के पोषण का वर्णन करें |
उत्तर :- अमीबा प्राणिसमपोषी विधि से पोषण करता है |
यह एक सर्वाहारी जंतु है | इसका भोजन जल में तैरते हुए जीवाणु, शैवाल, डायटम आदि के सूक्ष्म जीवो के रूप में होता है

अमीबा होलोजोइक पोषण को दर्शाता है जिसमें निम्नलिखित चरण शामिल हैं:

 अंतर्ग्रहण,पाचन, अवशोषण, स्वांगीकरण  और उत्सर्जन।
अंतर्ग्रहण: - अमीबा "कूटपाद / पादाभ"  कहे जाने वाले उँगलियों की तरह प्रक्षेपण बनाता है। अमीबा खाद्य कणों को "कूटपाद / पादाभ" की मदद से फँसाता है।  उसके बाद अमीबा भोजन के कण को ​​पानी के साथ ग्रहण कर लेता है।
पाचन:- अमीबा भोजन के कण के अंतर्ग्रहण के बाद भोजन का रसधानी बनाता है।  पाचन के लिए भोजन रिक्तिका में एंजाइम निकलते हैं।
अवशोषण:- पाचन के बाद पोषक तत्व प्रसरण के माध्यम से कोशिका द्रव्य में प्रवेश करते हैं।
स्वांगीकरण:- कोशिका द्वारा विभिन्न प्रयोजनों के लिए पोषक तत्वों का उपयोग किया जाता है।
उत्सर्जन:- खाद्य रसधानी कोशिका झिल्ली के पास जाकर अपनी सामग्री को कोशिका के बाहर खाली कर देती है। इसके परिणामस्वरूप कोशिका से अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
6. मनुष्य के आहारनाल की रचना का वर्णन करें |
उत्तर :-

मनुष्यों का आहारनाल एक कुंडलित (coiled) रचना है। जिसकी लंबाई 8 से 10 मीटर तक की होती है । यह मुख्यगुहा से शुरू होकर मलद्वार तक फैली होती है ।
आहारनल के विभिन्न भागों की संरचना का वर्णन निम्नलिखित हैं ।
(i) मुख गुहा :- मुखगुहा आहारनल का पहला भाग है । यह ऊपरी तथा निचले
जबड़े(
jaws) से घिरी होती है । मुखगुहा को बंद करने के लिए दो मांसल होठ (lips)
होते हैं । मुखगुहा में जीभ तथा दांत होते हैं ।

(ii) आमाशय :- यह एक चौड़ी थैली जैसी रचना है जो उदार - गुहा के बाईं ओर से शुरू होकर अनुप्रस्थ दिशा में फैली होती है । आमाशय का अग्रभाग कार्डिएक (cardiac part) तथा पिछला भाग पाइलोरिक भाग (pyloric part) कहलाता है । 
(iii) छोटी आंत :- यह आहारनल का सबसे लंबा भाग है । इसका आकर बेलनाकर होता है । आहारनाल के इस भाग में पाचन की क्रिया पूर्ण होता है । मनुष्य में इसकी लंबाई 6 मीटर तथा चौड़ाई 2.5 सेंटीमिटर होता है । छोटी आंत तीन भागों ( ग्रहणी , जेजूनम और इलियम) में बाँटा हुआ रहता है । 
(iv) अग्न्याशय :- 
आमाशय के ठीक नीचे तथा ग्रहणी को घेरे पीले रंग की एक ग्रन्थि होती है जो अग्न्याशय कहलाती है । 
7. मनुष्य के आहारनाल में पाचन की क्रिया का वर्णन करे
उत्तर :- मनुष्य में पाचन मुख गुहा से आरंभ होता है और छोटी आंत में ख़त्म होता है | पाचन की पूरी प्रक्रिया को संक्षेप में निम्न प्रकार से वर्णित किया जा सकता है |

(i) मुख गुहा :- मनुष्य मुख द्वारा भोजन ग्रहण करता है | मुख मे स्थित दाँत भोजन के कणो को चबाते है जिससे भोज्य पदार्थ छोटे-छोटे कणो में विभक्त हो जाता है | लार-ग्रंथियों से निकली लार भोजन में अच्छी तरह मिल जाती है | लार भोजन को लसदार चिकना और लुग्दीदार बना देता है, जिससे भोजन ग्रसिका में से होकर आसानी से आमाशय में पहुँच जाता है |
(ii) आमाशय:- जब भोजन अमाश्य में पहुँचता है तो वहाँ भोजन का मंथन होता है जिससे भोजन और छोटे-छोटे टूट जाते हैं । 
(iii) ग्रहणी :- आमाशय में पाचन के बाद जब भोजन ग्रहणी में पहुँचता है तो यकृत में आया पित्त रस भोजन से अभिक्रिया करके वसा निर्माण कर देता है तथा माध्यम को क्षारीय बनाता है जिससे अग्नाशय से आये पाचक रस में उपस्थित एंजाइम क्रियाशील हो जाते है उपस्थित प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट एवं वसा का पाचन कर देता है |

(iv) क्षुद्रांत :- ग्रहणी में पाचन के बाद जब भोजन क्षुद्रांत में पहुँचाता है तो वहाँ आंत्र रस में उपस्थित एंजाइम बचे हुए अपरिचत प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट एवं वसा का पाचन कर देते है |
(v) बड़ी आंत :- क्षुद्रांत्र में भोजन के पाचन एवंअवशोषण के बाद जब भोजन बड़ी आंत में पहुँचता है तो वहाँ पर अतिरिक्त जल का अवशोषण कर लिया जाता है, बड़ी आंत में भोजन का पाचन | भोजन का अपशिष्ट भाग यहाँ पर एकत्रित होता तथा समय-समय पर मल द्वारा शरीर से निकाल दिया जाता है।
8. मनुष्य के आहारनाल का एक स्वच्छ नामांकन चित्र बनाएं । वर्णन की आवश्यकता नहीं है ।  
उत्तर :- 

The End