Page 407 Class 12th Home Science NCERT Book Solution Chapter 2 शैशवकाल के निवारणात्मक रोगों से बचाव
प्रश्न 1: शैशवकाल
में कौन–कौन से रोग प्रायः हो जाते हैं?
उत्तर: शैशवकाल में सामान्यतः निम्नलिखित
रोग हो जाते हैं –
● कुपोषण
● खसरा
(मीज़ल्स)
● पोलियो
● टी.बी.
(क्षयरोग)
● डिप्थीरिया
● टिटनेस
● हूपिंग
कफ (काली खाँसी)
● पेट के
संक्रमण, दस्त
● नेत्र
व त्वचा के संक्रमण
● श्वसन
तंत्र के रोग (जैसे न्यूमोनिया)
प्रश्न 2: शैशवकाल
के निवारणात्मक रोगों से बचाव के उपाय बताइए।
उत्तर: शैशवकाल के निवारणात्मक रोगों
से बचाव के मुख्य उपाय –
1. टीकाकरण (Immunization): समय पर सभी आवश्यक टीके लगवाना चाहिए ।
जैसे:-
● BCG (टी.बी.
से बचाव के लिए)
● DPT (डिप्थीरिया, काली खाँसी, टिटनेस
के लिए)
● पोलियो
ड्रॉप्स
● खसरा का
टीका
● हिपैटाइटिस-बी
का टीका
2. साफ–सफाई (Hygiene):
● शिशु के
शरीर, वस्त्र, बिस्तर
और वातावरण को साफ़ रखना चाहिए ।
● स्वच्छ
जल और पौष्टिक आहार देना चाहिए।
3. संतुलित आहार:
● शिशु को
संतुलित और पौष्टिक आहार देना जिससे उसकी रोग–प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके।
4. नियमित स्वास्थ्य जाँच:
● डॉक्टर
से नियमित जाँच कराना चाहिए।
● बीमार
होने पर तुरंत इलाज कराना चाहिए।
प्रश्न3: शिशु को कौन–कौन सी बीमारियाँ टीकाकरण से रोकी
जा सकती हैं?
उत्तर: टीकाकरण द्वारा रोकी जाने वाली
मुख्य बीमारियाँ –
● तपेदिक
(टी.बी.)
● डिप्थीरिया
● काली खाँसी
● टिटनेस
● पोलियो
● खसरा
● हिपैटाइटिस-बी
प्रश्न4: शिशु के लिए सही पोषण और स्वच्छता क्यों महत्वपूर्ण
है?
उत्तर:
● सही पोषण
से शिशु का शारीरिक व मानसिक विकास ठीक से होता है।
● उचित पोषण
से उसकी रोग–प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे
वह संक्रमण से बचता है।
● स्वच्छता
से बीमारियों के कीटाणु शरीर में नहीं पहुँचते।
● इससे दस्त, न्यूमोनिया, त्वचा
व नेत्र संक्रमण आदि से बचाव होता है।
प्रश्न 5: शिशु के लिए स्वच्छता बनाए रखने के क्या उपाय हैं?
उत्तर: शिशु के लिए स्वच्छता बनाए रखने के निम्नलिखित उपाय हैं
● शिशु के कपड़े, बिस्तर
और खिलौनों को साफ रखना चाहिए।
● शिशु को प्रतिदिन नहलाना चाहिए।
● माँ के
हाथ साफ़ होना चाहिए जब वह शिशु को दूध पिलाए।
●घर और
आस–पास का वातावरण स्वच्छ रखना चाहिए।
● खुले में
शौच न हो, घर में शौचालय का प्रयोग करें।
● पीने का
पानी उबालकर देना चाहिए।
✍ अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Questions)
प्रश्न 1.
शिशु को
जन्म के कितने समय के भीतर BCG का टीका दिया जाता है?
उत्तर: जन्म के 24 घंटों
के भीतर।
प्रश्न 2.
पोलियो के
टीके को क्या कहते हैं?
उत्तर: ओ.पी.वी. (Oral Polio Vaccine)।
प्रश्न 3.
DPT के टीके
से कौन–कौन सी बीमारियों से बचाव होता है?
उत्तर: डिप्थीरिया, काली खाँसी
और टिटनेस।
प्रश्न
4. खसरे से
बचाव का टीका कब दिया जाता है?
उत्तर: 9 महीने
की आयु पर।
प्रश्न 5.
शिशु का
पहला आहार कौन सा होना चाहिए?
उत्तर: माँ का दूध।
✍ लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions)
प्रश्न 1.
शिशु में
रोग–प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाई जा सकती है?
उत्तर: शिशु में रोग–प्रतिरोधक क्षमता निमलिखित तरीकों से बढ़ाई जा सकती है
● माँ का दूध पिलाकर।
● संतुलित आहार देकर।
● टीकाकरण द्वारा।
● सफाई रखकर।
● समय–समय पर स्वास्थ्य जांच करवाकर।
प्रश्न 2.
शिशु की
स्वच्छता का महत्व क्या है?
उत्तर: शिशु की स्वच्छता का महत्व निम्नलिखित है
● संक्रमण से बचाता है।
● पेट और श्वसन संक्रमण कम होते हैं।
● त्वचा और नेत्र के रोग नहीं होते।
● शिशु स्वस्थ और सक्रिय रहता है।
प्रश्न 3.
शिशु के
लिए संतुलित आहार का क्या महत्व है?
उत्तर: शिशु के लिए संतुलित आहार का निम्नलिखित महत्व है।
● उचित वृद्धि व विकास होता है।
● रोगों से बचाव होता
है ।
● शरीर की शक्ति बढ़ती है।
● कुपोषण से बचाव होता है।
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प्रश्न 4.
शिशु को
गंदगी से क्या हानियाँ होती हैं?
उत्तर: शिशु को गंदगी से निम्नलिकित हानियाँ होती हैं।
● दस्त, उल्टी, पेट के
रोग होते
हैं।
● त्वचा पर फोड़े–फुंसी होते हैं।
● संक्रमण के कारण गंभीर रोग होते हैं ।
● शिशु कमजोर और अस्वस्थ हो जाता है।
✍ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Questions)
प्रश्न 1.
शैशवकाल
में होने वाले रोगों के कारण और निवारण के उपाय बताइए।
उत्तर:
शिशु में
रोग होने के मुख्य कारण —
● जन्म के समय रोग–प्रतिरोधक क्षमता का कम होना।
● असंतुलित/कम पोषण।
● गंदगी और संक्रमण।
● समय पर टीकाकरण न होना।
● अशुद्ध पानी व दूषित वातावरण।
निवारण के उपाय —
● समय पर
सभी आवश्यक टीके लगवाना।
● माँ का दूध देना।
● संतुलित आहार देना।
● घर और आसपास स्वच्छता बनाए रखना।
● नियमित चिकित्सक से जाँच कराना।
प्रश्न 2.
शिशु को
टीकाकरण क्यों आवश्यक है? इससे कौन–कौन सी बीमारियों से बचाव होता
है?
उत्तर:
शिशु जन्म
से ही रोग–प्रतिरोधक नहीं होता। कई गंभीर बीमारियाँ जैसे – टी.बी., पोलियो, डिप्थीरिया, खसरा, टिटनेस
आदि से बचाने के लिए टीकाकरण आवश्यक है।
टीकाकरण से बचाव —
● टी.बी. → BCG
● पोलियो → पोलियो ड्रॉप्स
● डिप्थीरिया → DPT
● काली खाँसी → DPT
● टिटनेस → DPT
● खसरा → MMR या खसरे का टीका
The End
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